वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने किया निकारागुआ के पुरोहित का निलंबन रद्द
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 05 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने वाटिकन द्वारा
1980 में निलंबित निकारागुआ के पुरोहित फादर मिगुएल दी एस्कोतो ब्रॉकमान के निलंबन को
रद्द कर उन्हें पुनः प्रतिष्ठित कर दिया है।
सन् 1980 में निकारागुआ की वामपंथी
सान्दीनिस्ता सरकार में भाग लेने के लिये वाटिकन ने फादर दे एस्कोतो को निलंबित कर दिया
था।
81 वर्षीय फादर दे एस्कोतो सन् 1979 ई. से सन् 1990 तक निकारागुआ के विदेश
मंत्री थे। उन्होंने हाल में सन्त पापा फ्राँसिस को पत्र लिखकर अपनी बहाली तथा मृत्यु
से पूर्व, पवित्र ख्रीस्तयाग अर्पित करने की अनुमति मांगी थी।
सोमवार को वाटिकन
ने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस अनुमति देने पर सहमत हो गये हैं तथा उन्होंने मेरीनॉल धर्मसमाज
में दे एस्कोतो के धर्मसमाज अध्यक्ष से आग्रह किया है कि वे पुरोहित की पुनर्बहाली में
मदद करें।
सरकारी पदों पर नियुक्ति को लेकर कलीसिया द्वारा लगी पाबन्दी का उल्लंघन
करने के कारण वाटिकन ने सन् 1980 के दशक में फादर दे एस्कोतो के साथ-साथ तीन अन्य असन्तुष्ट
पुरोहितों को भी निलंबित कर दिया था।
निकारागुआ का समाजवादी "सान्दीनिस्ता" वामपंथी
दल कथित "लिबरेशन थेओलॉजी" अर्थात मुक्ति ईशशास्त्र या "लोकप्रिय चर्च" का समर्थक था
जिसने सन् 1979 ई. में अमरीका द्वारा समर्थित अनास्तासियो सोमोज़ा की सरकार को अपदस्थ
कर दिया था।
हालांकि, आर्जेनटीना में येसु धर्मसमाजी पुरोहित रहते, सन्त
पापा फ्राँसिस भी मार्क्सवाद को समर्थन देनेवाली कथित "लिबरेशन थेओलॉजी" का विरोध करते
रहे थे अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ ही से उन्होंने दयालु, क्षमाशील एवं करुणामय कलीसिया
का आह्वान किया है।
फादर दे एस्कोतो ब्रॉकमान सन् 1961 ई. में पुरोहित अभिषिक्त
किये गये थे तथा अपने 29 वर्षीय निलंबन काल में भी मेरीनॉल धर्मसमाज के सदस्य बने रहे
हैं।
सन् 2008 से 2009 तक दे एस्कोतो संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा के अध्यक्ष
भी रहे हैं।