2014-08-02 13:44:45

31 जुलाई को संत पापा पहुँचे जेस्विट जेनेरालेट


वाटिकन सिटी. शनिवार 2 अगस्त, 2014 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने जेस्विटों के संस्थापक संत इग्नासियुस के पर्व दिवस 31 जुलाई बृहस्पतिवार येसु समाज के मुख्यालय \काज़ा जेनेरालित्सिया दि जेस्विती’ में अतिथि बनकर सबको आश्चर्यमिश्रित आनन्द से भर दिया।

स्थानीय जेस्विट सूत्रों के अनुसार संत पापा ने अंतिम क्षण में जेस्विटों को फादर जेनेरल अदोल्फो निकोलास दूरभाष से सम्पर्क कर भोजन पर उपस्थित होने की जानकारी दी।

विदित हो जेस्विट मुख्यालय रोम में संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण के समीप में अवस्थित हैं जिसमें करीब 70 येसु समाजी रहा करते हैं।

उपस्थित येसु समाजियों के अनुसार संत पापा एक छोटे फोर्ड फोकस कार में जेस्विट मुख्यालय पहुँचे और द्वार पर खड़े जेस्विटों और कुछ आसपास के लोगों से मुलाक़ात की और सीधे भोजन कक्ष चले गये।

बताया गया कि संत पापा येसु समाजियों के साथ भोजन करने के कार्यक्रम को अति निजी मुलाक़ात के रूप में ऱखना चाहते थे।

इसी अवसर पर उपस्थित जेस्विट फादर पौलो दल ओलियो तथा उनके परिवार के सदस्यों से भी संत पापा ने मुलाक़ात की। सीरिया में पिछले साल फादर पौलो का अपहरण हो गया था। संत पापा ने उनके परिवार के सदस्यों को सांत्वना के दो शब्द कहे।

फादर पौलो ने सीरिया में 30 वर्षों तक अपनी सेवायें प्रदान की है विशेष करके अंतर धार्मिक वार्ता के क्षेत्र में। उन्होंने मार मूसा नामक एक परिसर बनवाया है ताकि अन्तरधार्मिक वार्ता को बढ़ावा मिल सके।

मालूम हो कि संत पापा फ्राँसिस स्वयं एक येसु समाजी है। संत पापा बनने के बाद पहली बार जेस्विट जेनेरालेट आये और वहाँ येसु समाजी संस्थापक इग्नासियुस लोयोला के महापर्व पर अतिथि बने।

पर्व के लिये परोसे गये प्रीति भोज में जेस्विट जेनेरल निकालास अदोल्फो, साथ जेस्विट कूरिया के जेस्विटों के अलावा यूरोप के 15 येसु समाजी स्कोलास्टिकों ने भी हिस्सा लिया।

विदित हो संत पापा ने सन् 1958 ईस्वी में येसु समाज के नवशिष्यालय में प्रवेश किया, सन् 1963 में दर्शनशास्त्र में डिग्री प्राप्त की। सन् 1969 में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ।

सन् 1973 में अंतिम मन्नत लिया और 1980 से 1986 तक वे अर्जेन्टिना के प्रोविंशियल के रूप में अपनी सेवायें दीं।

सन् 1992 ईस्वी में धर्माध्यक्ष, सन् 2001 में कार्डिनल और 13 मार्च सन् 2013 में वे सार्वभौमिक कलीसिया के 266वें संत पापा बने।


















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