कासेरताः पेन्टेकॉस्टल्स के साथ सन्त पापा की मुलाकात में क्षमा एवं पुनर्मिलन रहे प्रमुख
कासेरता, मंगलवार 29 जुलाई सन् 2014 (सेदोक): इटली के कासेरता में पेन्टेकॉस्टल चर्च
के पादरी जोवान्नी त्रातीनी के आमंत्रण पर सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस एक बार फिर कासेरता
गये। पादरी जोवान्नी त्रातीनी आर्जेनटीना से सन्त पापा को जानते हैं तथा उनके मित्र
हैं।
इस अवसर पर कासेरता में पादरी त्रातीनी के साथ पेन्टेकॉस्टल कलीसिया के
लगभग 200 सदस्यों ने सन्त पापा से मुलाकात की। अपने बीच सन्त पापा का हार्दिक स्वागत
करते हुए पादरी जोवान्नी त्रातीनी ने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय नियुक्ति
पवित्रआत्मा का कार्य था।
इसके प्रत्युत्तर में पेन्टेकॉस्टल एवं एवेन्जेलिकल
कलीसिया के उपस्थित सदस्यों का अभिवादन कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "पवित्रआत्मा कलीसिया
में विविधता के स्रोत हैं। पवित्रआत्मा ही एकता की रचना करते हैं और इस प्रकार कलीसिया
विविधता में एक बनी रहती है।"
इस अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने फासीवादी युग
में इटली के एवेन्जेलिकल एवं पेन्टेकॉस्टल ख्रीस्तीयों के उत्पीड़न में कुछेक काथलिकों
की संलग्नता को स्वीकार करते हुए क्षमा की याचना की।
उन्होंने कहाः ...............
"मानों किसी नस्ल को ही समाप्त करने के लिये पागल हो चले फासियों द्वारा पेन्टेकॉस्टल
कलीसिया के सदस्यों की प्रताड़ना में कुछ काथलिक भी शामिल थे जिनके लिये मैं क्षमा की
याचना करता हूँ। काथलिकों के मेषपाल होने के नाते, मैं उन काथलिक भाइयों एवं बहनों के
लिये क्षमा मांगता हूँ जो अपनी नासमझी के कारण शैतान के प्रलोभन में पड़े।"
उन्होंने
कहाः ..... "हम सब पापी हैं तथापि हमें ईश उपस्थिति में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ते रहना
चाहिये।"