दक्षिण एशिया में मानव तस्करी समस्या भारत में सबसे ज़्यादा
नयी दिल्ली, सोमवार 28 जुलाई, 2014 (उकान) दक्षिण एशिया के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ
के नशीली पदार्थ और अपराध मामलों के कार्यालय (यूएनओडीसी) के प्रतिनिधि क्रिस्टीना अल्बेरटिन
ने कहा है कि दक्षिण एशिया में भारत मानव तस्करी का सबसे बड़ा केन्द्र रहा है और वहाँ
बाँग्ला देश और नेपाल से लोगों की तस्करी होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि एक
अध्ययन के अनुसार भारत में न केवल दूसरे देशों से मानव तस्करी होती है पर भारत के अन्दर
ही विभिन्न प्राँतों से मानव तस्करी होती रही है।
उन्होंने बताया कि कई लोगों
को भारत से खाड़ी देशों में बेच दिया जाता है। एक सर्वे के अनुसार बंगाली भाषी मुस्लिम
महिलाओं की तस्करी की जाती है और उन्हें कई अन्य देशों में भेज दिया जाता है।
प्रत्येक
वर्ष करीब 1 लाख 50 हज़ार लोगों की मानव तस्करी होती है जिसमें 75 प्रतिशत महिलायें होती
हैं।
संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने बतलाया कि पचास प्रतिशत मानव तस्करी के शिकार
लोगों को बेगारी में लगाया दिया जाता है। अधिकतर बार ग्रामीण क्षेत्र के लोग मानव तस्करी
के शिकार हो जाते हैं।
अल्बेरतिन के अनुसार मानव तस्करी को रोकने के लिये कई
स्वयंसेवी संस्थायें सामने आयीं हैं पर अधिकतर बार वे उनकी मदद करतीं हैं जो इसके शिकार
हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी के शिकार लोगों को बचाये जाने के बाद
ज़रूरत है उन्हें सुरक्षित स्थान में पहुँचाये जाने की और उन्हें स्वास्थ्य सुविधा, मनोवैज्ञानिक
चिकित्सा तथा कानूनी सहायता पहुँचाये जाने की तब ही पीड़ितों को मर्यादापूर्ण जीवन मिल
सकेगा।
उन्होंने यह भी बतलाया कि इस समस्या के निदान के लिये बाँग्ला देश
और भारत एक साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं ताकि इसके शिकार लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था
हो तथा उन्हें उनके अपने देश लौटने का सुविधायें प्राप्त हो सकें।