ग़ज़ा, शुक्रवार 23 जुलाई, 2014 (बीबीसी)ग़ज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई के ख़िलाफ़
पश्चिमी तट में भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. वहाँ पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच हुए टकराव
में दो फ़लस्तीनी मारे गए हैं और अनेक घायल हुए हैं।
इसराइली सेना ने कहा है कि
वेस्ट बैंक में प्रदर्शनकारियों ने उसके जवानों पर पत्थर फेंके और टायर जलाकर सड़क पर
अवरोध पैदा किया तो जवानों ने भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए कार्रवाई की है।
ग़ज़ा
में संयुक्त राष्ट्र की ओर से संचालित एक स्कूल पर हुए हमले में कम से कम 13 लोगों की
मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए।
ग़ज़ा में आठ जुलाई से जारी इसराइली
सैन्य अभियान में मृतकों की संख्या बढ़कर क़रीब 800 हो गई है. इसमें32 इसराइली सैनिक
और तीन आम नागरिक भी मारे गए हैं।
जहाँ इसराइली सेना ज़मीनी कार्रवाई के साथ-साथ
हवाई हमले भी कर रही है, वहीं हमास के चरमपंथियों ने इसराइली सीमा में रॉकेट दागे हैं।
प्रदर्शन
का आयोजन फ़लस्तीनी राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास की पार्टी फ़तह ने किया था. इसमें क़रीब
10हज़ार लोग शामिल हुए. वो रामल्ला से पूर्वी यरूशलम की ओर बढ़ रहे थे।
इसराइली
मीडिया ने पश्चिमी तट में हुए प्रदर्शन को 2000-2005 में हुए फ़लस्तीनी आंदोलन
जिसे दूसरा इंतेफ़ादा भी कहा जाता है, उसके बाद का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया है।
इसराइल
के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि उन्हें हर फ़लस्तीनी नागरिक
की मौत का खेद है. लेकिन इस टकराव के लिए हमास को ज़िम्मेदार ठहराते हैं।
फ़लस्तीनी
नेताओं ने रमज़ान के अंतिम शुक्रवार यानी 25 जुलाई को विरोध दिवस के रूप में मनाने की
घोषणा की है।
गुरुवार को ग़ज़ा के बिइत हानून में संयुक्त राष्ट्र के एक स्कूल
पर हुए हमले में 13 लोगों की मौत हो गई और दो सौ से अधिक लोग घायल हो गए. यहां लोग शरण
लिए हुए थे।
पिछले कुछ दिनों में यह चौथी बार है जब संयुक्त राष्ट्र के किसी सुविधा
केंद्र को निशाना बनाया गया है।
गुरुवार शाम पुलिस ने जब यरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद
में 50 साल से कम आयु के पुरुषों को प्रवेश करने से रोक दिया तो वहाँ भी विरोध-प्रदर्शन
हुए।
इसराइली पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके. इसके
बाद क़रीब 20 लोगों की गिरफ़्तार किया गया।