मुम्बईः आत्महत्या उकसाने का आरोप लगने के नौ साल बाद पुरोहित बरी
मुम्बई, 22 जुलाई सन् 2014 (ऊका समाचार): बंबई उच्च न्यायालय ने सन् 2000 में एक नाबालिग़
छात्र को आत्महत्या के लिये उकसाने हेतु फादर पीटर पौल एन्थोनी पर लगे आरोप को खारिज
करते हुए उन्हें बरी कर दिया है।
न्यायमूर्ति पी.एन. देशमुख, ने फैसला देते हुए
कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आत्महत्या के दिन या उससे तुरन्त पहले आवेदक ने
किसी प्रकार छात्र को उकसाया था इसलिये अदालत फादर पीटर पौल एन्थोनी को बरी करती है।
अभियोजन पक्ष का आरोप था कि सेन्ट जोसफ इंगलिश स्कूल का छात्र, मृतक तरुण बागड़े
उस हॉस्टल में रहता था जहाँ फादर पीटर पौल एन्थोनी प्राचार्य थे। आरोपों के मुताबिक फादर
एन्थोनी के दुर्व्यवहार के कारण 14 अक्तूबर सन् 2000 को बागड़े ने आत्महत्या कर ली थी।
गवाहों के साक्ष्य के आधार पर निचली अदालत ने 2002 में अभियुक्त को सजा सुनाई
थी जिसकी 2005 में एक सत्र न्यायालय द्वारा पुष्टि की गई थी। निचली अदालत के इस आदेश
को ही उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।