2014-07-22 12:34:46

प्रेरक मोतीः सन्त मरिया मग्दलेना


वाटिकन सिटी, 22 जुलाई सन् 2014:

मरिया मग्दलेना को पश्चातापी मरियम मग्देलेना के नाम से भी जाना जाता है। उत्तरी गलीलिया स्थित मग्दला की निवासी होने के कारण मरियम को मग्दलेना नाम दे दिया गया था। हालांकि, मरियम मग्दलेना यहूदी जाति में जन्मी थीं उनके आचार-व्यवहार ग़ैरयहूदियों के सदृश थे। सन्त लूकस बताते हैं कि मरियम मग्दलेना एक कुख्यात पापिनी थी जिन पर से सात अपदूतों को निकाला गया था।


सुसमाचारों के अनुसार याकूब एवं सलोमे की माता जोहान्ना तथा मरिमय के साथ वे भी प्रभु येसु के क्रूसीकरण के समय, क्रूस के नीचे तथा खाली कब्र के पास उपस्थित थी।


बताया जाता है कि प्रभु येसु ख्रीस्त के स्वर्गारोहण के 14 वर्ष बादस मरियम मग्दलेना को यहूदियों ने बिना नाविकों की नाव पर सन्त लाज़रस एवं मर्था, सन्त मैक्सिम, सन्त सिदोनियुस एवं उनकी सेविका सेरा और साथ ही कुँवारी मरियम की माँ, सन्त अन्ना के पार्थिव शव सहित समुद्र में भेज दिया था। वहाँ से उनकी नाव दक्षिणी फ्राँस पहुंची और इस तरह मरियम मग्दलेना ने फ्राँस में ही, सेन्ट बाऊम नामक गुफा में, अपना शेष जीवन व्यतीत किया। कहा जाता है कि प्रतिदिन स्वर्गदूत आकर उन्हें पवित्र यूखारिस्त प्रदान करते थे जो उनका दैनिक आहार था। 72 वर्ष की आयु में मरियम मग्दलेना का निधन हो गया था। उनके जीवन की अन्तिम घड़ियों में, चमत्कारी ढंग से, मरियम मग्दलेना को सन्त मैक्सिमिन के प्रार्थनालय पहुँचा दिया गया था जहाँ उन्होंने अन्तिम संस्कार ग्रहण किये। सन्त मरियम मग्दलेना का पर्व 22 जुलाई को मनाया जाता है।



चिन्तनः अपने गुनाहों को प्रभु के समक्ष रखने से हम न डरें इसलिये कि प्रभु दयालु हैं वे सच्चे मन से पश्चाताप करनेवालों के पापों को क्षमा कर देते हैं।








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