ख्रीस्तीयों का आखरी परिवार शहर छोड़कर कुर्दिस्तान जा रहा है- प्राधिधर्माध्यक्ष साको
ईराक, शनिवार, 19 जुलाई 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ ″ईराक की स्थिति अत्यन्त दुखद है, मोसुल
स्थित ख्रीस्तीयों का आखरी परिवार शहर छोड़कर कुर्दिस्तान जा रहा है।″ यह बात खलदेई प्राधिधर्माध्यक्ष
लुईस साको ने अफ्स समाचार एजेंसी के पत्रकारों से बातें करते हुए कही। ख्रीस्तीयों
ने मोसुल छोड़ना उस समय आरम्भ किया जब इस्लामी खलीफत कहे वाले मुसलमानों के एक दल ने
बृहस्पतिवार 17 जुलाई को यह घोषित किया कि ख्रीस्तीयों को या तो एक ख़ास टैक्स भरना होगा
या उन्हें मृत्यु स्वीकार करनी पड़ेगी। इस घोषणा के बाद दो दिनों से मुस्लमानों का वह
दल ख्रीस्तीयों एवं शिया मुस्लमानों के घरों के दरवाजों पर चिन्ह अंकित कर रहा है। प्राधिधर्माध्यक्ष
लुईस साको ने कहा, ″ईराक के इतिहास में पहली बार मोसूल ख्रीस्तीयों से रिक्त हुआ है।″
उन्होंने बतलाया कि शहर में गत महीने तक ख्रीस्तीयों की संख्या करीब 35 हज़ार थी
तथा सन् 2003 ई. में संयुक्त राष्ट्रसंघ के आक्रमण के पूर्व 60 हज़ार तक थी। ईराक
में संयुक्त राष्ट्रसंघ मानव अधिकार कार्यालय एवं मिशन की रिर्पोट के अनुसार जून महीने
में करीब एक हज़ार पाँच सौ नागरिक मृत्यु के शिकार हुए तथा लगभग 6 लाख ईराकी विस्थापित
हुए थे। रिर्पोट में यह भी बतलाया गया है कि इस्लामी राज्य के हथियारबंद सदस्यों
ने आक्रमण कर अधिक से अधिक नागरिकों की हत्या करने तथा उन्हें घायल करने का योजनाबद्ध
तरीका अपनाया है।