मैनचेस्टरः धार्मिक नेताओं ने किया आत्महत्या में सहायता सम्बन्धी विधेयक का विरोध
मैनचेस्टर, 17 जुलाई सन् 2014 (सेदोक): ब्रिटेन में विभिन्न धर्मों के नेताओं ने आत्महत्या
में सहायता प्रदान करने को वैध घोषित करनेवाले विधेयक के विरुद्ध संसद को चेतावनी देकर
कहा है कि यह एक "गम्भीर त्रुटि" होगी।
वेस्टमिंस्टर के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल
विंसेंट निकोल्स तथा कैंटरबरी के एंग्लिकन महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेल्बी ने ब्रिटेन के
अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों, यहूदी, मुस्लिम, हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी तथा जैन धर्मों
के 21 नेताओं के साथ मिलकर आत्महत्या में सहायता प्रदान करने को वैध घोषित करनेवाले विधेयक
के विरुद्ध आवाज़ उठाई है।
जुलाई 18 को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में इस विधेयक पर बहस
निर्धारित है। इसके तहत आत्महत्या करने में सहायता प्रदान करने को अपराध नहीं माना जायेगा
तथा चिकित्सकों को उन लोगों को घातक दवा देने की अनुमति मिल जायेगी जिनका जीवन छः माहों
तक बचा है अथवा जो मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं।
16 जुलाई को एक मुक्त पत्र
प्रकाशित कर ब्रिटेन के धार्मिक नेताओं ने इस बात पर गहन चिन्ता व्यक्त की कि विधेयक
चिकित्सकों को यह तय करने की अनुमति दे देगा कि किस व्यक्ति के जीवन का कितना मूल्य है।
उन्होंने कहा कि उक्त विधेयक यदि पारित हो जाता है तो दुर्बल एवं असाध्य रोगियों पर ख़तरा
बढ़ जायेगा जिन्हें सबसे अधिक प्यार और समर्थन की आवश्यकता होती है।
धार्मिक
नेताओं ने अपने पत्र में लिखाः "यह एक दयालु एवं देखभाल करनेवाले समाज का रास्ता नहीं
है।"
उन्होंने लिखाः "हालांकि हम विभिन्न धार्मिक दृष्टिकोणों से इस विधेयक
का विरोध कर रहे हैं तथापि, हम सब इस बात पर एकमत हैं कि आत्महत्या में सहायता को वैध
बनानेवाला विधेयक सावधानीपूर्वक सुरक्षित रखे गये उन मूल्यों के अपरदन को निमंत्रण देगा
जो सबका सम्मान करनेवाले एवं सबकी देखभाल के लिये प्रतिबद्ध समाज के भावी विकास के लिये
अनिवार्य हैं।"