मुम्बईः क्रूस का अपमान मुम्बई की अन्तरधार्मिक मैत्री को निशाना बनाता है, कार्डिनल
ग्रेशियस
मुम्बई, 17 जुलाई सन् 2014 (एशियान्यूज़): मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल ऑसवर्ल्ड
ग्रेशियस ने कहा है कि "विले पार्ले में क्रूस की प्रतिमा का अपवित्रीकरण, वास्तव में
किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ हमला है क्योंकि यह मुंबई महानगर की बहुधार्मिक प्रकृति
पर प्रहार करता है।
एशियान्यूज़ से उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा कृत्य है जिससे
मैं अत्यन्त दुःखी हूँ तथा कड़े शब्दों में इसकी निन्दा करता हूँ। मैं पुलिस से अपील
करता हूँ कि वह गम्भीरतापूर्वक इस घटना की जाँचपड़ताल करे जिसने हमारे लोगों की धार्मिक
भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।"
क्रूस प्रतिमा की दोनों बाहें तोड़ दी गई हैं।
एशियान्यूज़ से महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "यह स्मरण दिलाता है कि इस विश्व में हम येसु
की बाहें हैं, भलाई करने हेतु येसु के मध्यस्थ हैं, लोगों की सेवा को तत्पर हैं, उन लोगों
को भी क्षमा करने के लिये तैयार हैं जिन्होंने यह अपराध किया है।"
कार्डिनल
महोदय ने कहा, मैंने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील है क्योंकि इस प्रकार के कृत्यों
द्वारा विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच सदभाव एवं मैत्री को नष्ट नहीं होने देना
चाहिये।" उन्होंने आर्त याचना कि येसु के हाथों के घाव उन घावों पर मरहम लगायें जो हमारे
समुदाय एवं शहर पर इस विध्वंसक कृत्य द्वारा बने हैं।"
इस बीच, मुम्बई की एक
अदालत ने क्रूस के अपवित्रीकरण के जुर्म में गिरफ्तार आन्जेलो परेरा को ज़मानत पर रिहा
कर दिया है। ख्रीस्तीय संगठनों ने कहा था कि परेरा पर झूठा आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार
किया गया था।