2014-07-15 13:43:37

संत पापा ने परित्यक्त प्रवासी बच्चों के सुरक्षा की अपील की


वाटिकन सिटी, मंगलवार 15 जुलाई, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने मेक्सिको में ‘प्रवास और विकास’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार के लिये अपना संदेश भेजा है।
संत पापा ने प्रेरितिक राजदूत क्रिस्तोफर पियेरे को भेजे अपने संदेश में अपील की है कि उत्तर तथा मध्य अमेरिका और मेक्सिको में हज़ारों बेसहारे प्रवासी बच्चों की रक्षा की जाये।
मालूम हो की मेक्सिको में आयोजित इस सेमिनार में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेतरो पारोलिन भी हिस्सा ले रहे हैं।
संत पापा ने अपने संदेश में लिखा कि वैश्वीकरण के कारण प्रवासियों की संख्या बढी है और समाज की यह एक पहचान बन गयी है। इन सबके बावजूद पूरी परिस्थिति को एक आपातकालीन परिस्थिति या मात्र परिस्थितिजन्य घटना के रूप में देखा जा रहा है।
संत पापा ने कहा कि वे उन तमाम बच्चों की याद करते हैं जो अकेले ही प्रवासी बनने को मजबूर हैं। ऐसे बच्चे गरीबी और हिंसा से बचने के लिये अकेले ही प्रवासी का रास्ता अपना लिया है। ऐसे बच्चे अकेले ही देश की सीमा पार करते हैं और और इस आशा से अमेरिका में प्रवेश करते हैं कि उन्हें कोई नयी आशा प्राप्त हो पर कई बार उनकी आशा अधूरी रह जाती या ब्यर्थ चली जाती है। खेद की बात की उनकी संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती चली जा रही है।
संत पापा फ्राँसिस ने अपने संदेश में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस ओर खींचते हुए कहा कि देश इस संबंध में उचित कदम उठाये। इस संबंध में ठोस कदम उठाये और लोगों को इसकी भयंकरता के बारे में जानकारी दे और बच्चों के विकास के लिये अपने ही देश में पहल करे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका के सरकारी अधिकारियों ने करीब 57 हज़ार बेसहारे प्रवासी बच्चों को पकड़ा रखा है जो पिछले साल की तुलना में दोगुना है।
उधर मेक्सिको के अधिकारियों ने करीब 8 सौ बच्चों को पकड रखा है जिनमें से अधिकतर लोग अपने घर छोड़ चुके हैं और अकेले ही यात्रा कर रहे हैं।
संत पापा के संदेश को सुनाते हुए वाटिकन सचिव कार्डिनल पोरोलिन ने कहा कि बच्चों का घर छोड़ने का इरादा जो भी रहा हो लेकिन आज ज़रूरत है कि वे बेसहारे और असहाय हैं उनकी रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हो ताकि उन्हें किसी भी प्रकार को शोषण और उत्पीड़न से बचाया जा सके।










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