2014-07-14 13:48:05

साक्षात्कार के शब्दों पर आपत्ति


वाटिकन सिटी, सोमवार 14 जुलाई, 2014 (सीएनए) वाटिकन प्रवक्ता फादर फेदेरिको लोमबारदी ने इटली के एक समाचारपत्र ‘ला रिपुबलिका’ में संत पापा के साक्षात्कार के छपे शब्दों पर आपत्ति जतायी है।

वाटिकन प्रेस कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि साक्षात्कार में ‘आम पाठकों के लिये शब्दों को चालाकी’ से प्रस्तुत किया गया है।

मालूम हो कि 13 जुलाई रविवार को ला रिपूबलिका नामक समाचार पत्र ने अपने रविवारीय अंक के मुख्य पृष्ठ में संत पापा से एक मुलाक़ात की रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
समाचारपत्र के संस्थापक यूजिनियो स्कालफारी ने 10 जुलाई को संत पापा से हुई एक मुलाक़ात के आधार पर रिपोर्ट बनाया था।

साक्षात्कार में समाचारपत्र के यूजिनियो स्कालफारी ने कई बातों पर बातचीत की थी जिसमें दो मुद्दे माफिया और याजको द्वार बाल यौन शोषण प्रमुख थे।

समाचार के अनुसार स्कालफारी ने संत पापा से हुए अपने एक घंटे की मुलाक़ात के बारे में कहा कि संत पापा ने कहा कि याजकों द्वारा बाल यौन शोषण कलीसिया का कोढ़ रोग है इस मुद्दे का समाधान ‘ज़रूरत पड़े तो कड़ाई’ से करेंगे।

संत पापा ने माफिया मुद्दे पर कथित रूप से कहा था कि माफिया के बारे में उनकी जानकारी पूर्ण नहीं है पर उन्हें मालूम है कि माफिया गिरोह अपराध जगत से जुड़े होते हैं। जिसकी निन्दा हम एक बार नहीं,लगातार करते रहेंगे।

इन दोनों मुद्दों पर हुई चर्चा पर वाटिकन प्रवक्ता ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संत पापा और स्कालफरी के बीच हुई बातचीत सौहार्दपूर्ण थी पर साक्षात्कार करने वाले ने संत पापा के शब्दों को अपनी यादशक्ति के आधार पर उद्धृत चिह्न में रखते हुए लिखा है जिससे इसकी विश्वसनीयता कमजोर होती है।
उन्होंने ने आरोप लगाया है कि साक्षात्कार में बातों को संत पापा के नाम पर लिख दिया गया है।
फादर लोमबारदी ने कहा कि किसी भी साक्षात्कार के शब्दों को सामान्य ज्ञान के अर्थ में (कॉमन सेन्स ऑफ़ द वर्ड) के आधार पर नहीं छापा जा सकता है न ही बातचीत के द्वारा उभरे शब्दों के गहरे अर्थ को छाप कर उसे संत पापा का शब्द कहा जा सकता है।
विदित हो कि इसके पूर्व भी ला रिपुबलिका के संस्थापक यूजीनियो स्कलफरी ने साक्षात्कार लेते समय किसी रिकॉर्डिंग साधन का उपयोग नहीं किया था न ही बातों का नोट किया। ऐसा करना वे बातचीत का आम तरीका मानते हैं।
वाटिकन प्रवक्ता का तर्क है कि ऐसे साक्षात्कारों का विश्वसनीयता पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है।









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