2014-07-12 15:57:42

वैश्विकरण ने धनी और निर्धन के बीच की दूरी एवं असंतुलन को बढ़ा दिया है


वाटिकन सिटी, शनिवार 12 जुलाई 14 (वी आर अंग्रेजी)꞉ न्याय एवं शांति हेतु परमधर्मपीठीय समिति ने राज्य के सचिवालय से साथ सहयोग करते हुए 12 और 13 जुलाई को, वाटिकन में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
सम्मेलन की विषय वस्तु है, ″समावेशी अर्थव्यवस्था।″
सम्मेलन में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के करीब 70 सदस्य भाग ले रहे हैं। उनके इस सभा का मुख्य उद्देश्य है सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण को गहरा करना जिसे संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रेरितिक प्रबोधन ‘एवनजेली गौदियुम’ में प्रकाशित किया है।
न्याय एवं शांति हेतु परमधर्मपीठीय समिति के सचिव मान्यवर मारियो तोसो ने वाटिकन रेडियो से साक्षात्कार में कहा, ″अर्थव्यवस्था जो हमेशा अधिक समावेशी है, वह बाजार अर्थव्यवस्था के परित्याग पर लागू नहीं होती तथा वह एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ओर इंगित करती है जो नष्ट करने वाली है। यह धन को प्रमुख स्थान देती है।
मान्यवर टोसो ने कहा कि वैश्विकरण ने धनी और निर्धन के बीच की दूरी और असंतुलन को बढ़ा दिया है। अर्थशास्त्री परमपरागत रूप से वर्तमान स्थिति पर अधिक ध्यान देते हैं किन्तु आर्थिक विकास के लिए पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति दूरदर्शिता रखने तथा नाटकीय वित्तीय संकट को दूर करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बतलाया कि सम्मेलन में संत पापा के शब्दों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि यह अर्थशास्त्र, शांति और सतत विकास जैसे लोगों की आवश्यकताओं पर प्रकाश डालता है।








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