वाटिकन सिटी, शनिवार, 12 जुलाई 2014 (सीएनए)꞉ अंतरराष्ट्रीय करीतास के महासचिव माईकेल
रोय ने संघर्ष से जूझ रहे मध्यपूर्व के लोगों की मदद की अपील की तथा ख्रीस्तीयों से उदासीनता
के घेरे को तोड़ने का आहवान किया। रोम में 11 जुलाई को सीएनए के पत्रकारों से बातें
करते हुए माईकेल रोय ने कहा, ″समस्त मध्यपूर्व की सहायता हेतु आर्थिक सहायता कोष जुटाना
सहज नहीं है क्योंकि सीरिया में आंतरिक रूप से विस्थापित एवं अन्य देशों में आप्रवासियों
दोनों को मदद करने की अवश्यकता है जब कि इन दिनों इस्राएल एवं फिलिस्तीन में संघर्ष के
कारण हस्तक्षेप की आवश्यकता है।″ समस्त मध्यपूर्व अभी दाँव पर है तथा सीरिया में
जहाँ मानवीय संगठनों की पहुँच नहीं हो पा रही है वहाँ लोग भूख एवं कुपोषण से मर रहे हैं। उन्होंने
कहा कि यह सभी के लिए दुखद है कि विश्व ऐसे लोगों एवं राष्ट्रों की मदद नहीं कर पा रहा
है जो संघर्षरत हैं। विस्थापितों एवं आप्रवासियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते
हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है संसाधनों एवं स्वयंसेवकों का अभाव। उन्होंने
कहा कि ईराक की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। बहुत से लोगों ने अपना घर छोड़ कुर्दिशों
के सुरक्षित स्थलों में शरण ले रखी है। राजनैतिक रूप से इसका समाधान असम्भव है सेना भी
असुरक्षित महसूस कर रही है तथा उसे अपने भविष्य की चिंता है। अतः निकटवर्ती क्षेत्रों
में शरण पा रहे लोगों की मदद करना कठिन हो गया है। हज़ारों लोगों के बीच खाद्य एवं
पेय जल के वितरण हेतु मदद एक बढ़ती समस्या बन गयी है। माईकेल रॉय ने दुःख झेल रहे
लोगों के साथ सहानुभूति रखने के संत पापा फ्राँसिस द्वारा बारम्बार आह्वान की याद
करते हुए कहा कि हम इसमें संलग्न हुए बग़ैर उदासीन नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि
हम जब हम सुरक्षित और आराम की जिंदगी जीते हैं तो हमारे आस पास क्या हो रहा है उसे नहीं
भूल जाना चाहिए। बहुत सारे भाई बहनें ऐसे हैं जिन्हें हमारी सेवा, प्रार्थना, वस्तुओं
द्वारा सहायता देकर मदद करने की आश्यकता है। इस प्रकार हम समस्याओं का समाधान निकाल पायेंगे।