कोलकाता, शुक्रवार 11 जुलाई, 2014 (उकान) दार्जिलिंग के येसु समाजियों ने पश्चिम बंगाल
के चाय बागानों में कार्यरत आदिवासियों के लिये खाद्य एवं स्वास्थ्य सेवा सुविधा उपलब्ध
कराने का निर्णय किया है। स्थानीय समाचारपत्र टेलेग्राफ़ के अनुसार चाय बागान में
कार्यरत करीब 2, 200 लोगों को कोलकाता के रेड बैंग ग्रूप ने वित्त समस्या के कारण अपने
तीन चाय बागानों से निकाल दिया है जिससे उनके लिये मुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
समाचार के अनुसार भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में करीब 14 मजदूरों की मौत
भी हो गयी है। चाय बागान में कार्यरत मजदूरों की समस्याओं को जानने के बाद स्थानीय
जेस्विटों के एक दल ने इसका अध्ययन किया और उन्हें मदद देने का निर्णय किया है। जेस्विटों
की ओर से राहत दल का नेतृत्व करते हुए फादर ललित तिर्की ने बताया कि उसके दल ने श्रमिकों
के परिवारों का दौरा किया और उनके लिये भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था की। फादर के
अनुसार धरंजपुर चाय बागान में कार्यरत 98 परिवारों के कुल 550 सदस्य हैं जिनके लिये विभिन्न
उपाय किये जा रहे हैं ताकि उन्हें बचाया जा सके। फादर तिर्की न जानकारी दी कि ऐसी
विकट परिस्थिति में गाँव की कई लड़कियाँ लापता हैं और उन्हें भय है कि वे दिल्ली, कोलकाता
तथा मुम्बई जैसे बड़े शहरों की ओर पलायन कर चुकी हैं और उनके बारे में परिवारवालों को
कुछ भी पता नहीं हैं। फादर तिर्की ने आशा जतायी है कि कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं तथा
सरकारी मदद से चाय बागान में कार्यरत मजदूरों को उचित मदद पहुँचाया जा सकेगा।