नई दिल्लीः ग़ैर हिन्दूओं पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने के लिये सरकार करे हस्तक्षेप, महाधर्माध्यक्ष
कूटो
नई दिल्ली, 09 जुलाई सन् 2014 (ऊका समाचार): देहली के महाधर्माध्यक्ष अनील कूटो ने छत्तीसगढ़
के बस्तर ज़िले में ग़ैर हिन्दू मिशनरियों पर लगे कथित प्रतिबन्ध को हटाने हेतु राज्य
सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
महाधर्माध्यक्ष कूटो ने कहा कि यह कदम कथित
तौर पर हिंदू कट्टरपंथी समूहों की पहल पर उठाया गया है जिसके "भारत की धर्मनिरपेक्षता
पर गम्भीर प्रभाव पड़ेंगे तथा देश की अन्तरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचेगी।"
महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "यह प्रतिबन्ध धर्मपालन की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार
का हनन है तथा अभिव्यक्ति एवं संघ बनाने की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता है।"
मीडिया
रिपोर्टों के अनुसार, बस्तर ज़िले में लगभग 50 ग्राम परिषदों ने प्रस्ताव पारित कर "गांवों
में ग़ैर हिंदू धार्मिक प्रचार, प्रार्थना और प्रभाषणों पर" प्रतिबन्ध लगाये जाने की
बात कही है।"
हालांकि, उक्त प्रस्ताव की कोई कानूनी वैधता नहीं है तथापि, कहा
जा रहा है कि यह पंचायती राज अधिनियम के एक प्रावधान के तहत उठाया गया कदम है।
महाधर्माध्यक्ष
कूटो ने प्रतिबन्ध के तत्काल उत्क्रमण तथा मामले में बिना विलम्ब राज्य सरकार के हस्तक्षेप
का आह्वान किया है। महाधर्माध्यक्ष ने एक बयान में कहा, "हालांकि इस प्रस्ताव का
मकसद हिन्दू कट्टरपंथी गुटों और दुराग्रही राजनीतिक कार्यकर्ताओं के कहने पर ईसाई मिशनरियों
पर प्रतिबंध हो सकता है तथापि, यह व्यक्तियों और लोगों के मौलिक अधिकार पर एक गंभीर हमला
है।"
उन्होंने कहा कि यह प्रशासन के लोकतांत्रिक कामकाज पर भी गंभीर प्रभाव डालेगा
तथा ख्रीस्तीय समुदाय के खिलाफ नफ़रत अभियानों में लिप्त चरमपंथी संगठनों को प्रोत्साहन
प्रदान करेगा।
महाधर्माध्यक्ष ने इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया कि अतीत
में ऐसे ही घृणा अभियानों के तहत, बड़े पैमाने पर, ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा हुई
है।