वाटिकन सिटीः यौन दुराचार एक अपराध एवं घोर पाप, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 08 जुलाई सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि यौन दुराचार
एक अपराध एवं घोर पाप है जिसके उन्मूलन के लिये धर्माध्यक्षों को ज़िम्मेदारी निभानी
चाहिये।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में सन्त पापा
फ्राँसिस ने सोमवार 07 जुलाई को ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें, यौन दुराचार के शिकार
बनाये गये, जर्मनी, अमरीका तथा आयरलैण्ड के छः व्यक्तियों ने भाग लिया।
सन्त
पापा ने इन व्यक्तियों के प्रति गहन सहानुभूति का प्रदर्शन किया तथापि, दुराचारों को
सार्वजनिक करने के लिये उनके साहस की सराहना की।
पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार
की निन्दा करते हुए सन्त पापा फ्रांसिस ने कहा, "कलीसियाई मिशन में उन व्यक्तियों के
लिये जगह नहीं है जो यौन दुराचार में लगते हैं तथा मैं इस बात की प्रतिबद्धता व्यक्त
करता हूँ कि मैं किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी नाबालिग़ की क्षति को सहन नहीं करूँगा फिर
चाहे वह पुरोहित हो अथवा कोई अन्य व्यक्ति।"
सन्त पापा ने कहा कि समस्त धर्माध्यक्षों
को बच्चों एवं युवाओं की रक्षा की ज़िम्मेदारी वहन करनी होगी ताकि उनके धर्मप्रान्त का
कोई भी बच्चा इस घोर अपराध का शिकार न बनाया जाये।
सन्त पापा ने कहा, "कुछेक
पुरोहितों एवं धर्माध्यक्षों द्वारा यौन दुराचार की ख़बरों ने उन्हें अत्यन्त दुःखी किया
है क्योंकि उनके दुष्कर्मों ने बच्चों की निर्दोषता एवं ईश्वर के प्रति स्वयं उनकी बुलाहट
का अतिक्रमण किया है।" यौन दुराचारों के प्रति कलीसियाई नेताओं की उदासीनता तथा नाबालिग़ों
की शिकायतों को अनसुना करने पर सन्त पापा ने खेद व्यक्त किया तथा कलीसिया के उन पुत्र
पुत्रियों के लिये क्षमा याचना की जिन्होंने अपने मिशन के साथ विश्वासघात किया था।