वाटिकन सिटी, सोमवार 7 जुलाई, 201 4 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 7 जुलाई
को वाटिकन स्थित सान्ता मार्था अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाते
हुए कलीसिया को ‘आँसू का वरदान’ या पश्चात्ताप प्राप्त हो विषय पर प्रवचन दिये।
संत पापा ने उन बालक-बालिकाओं की याद की जो कलीसिया के अधिकारियों, विशेष कर के पुरोहितों
द्वारा यौन शोषण के शिकार हुए।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अपार कष्ट होता
है कि कुछ पुरोहितों ने बच्चों और नबालिगों का यौन शोषण करके उनके प्रति अन्याय और अपनी
बुलाहट का अनादर किया है।
संत पापा ने कहा कि आज कलीसिया येसु की आँखों को निहारती
है और उसमें उन प्रताड़ित तथा शोषित बच्चों को पाती है । वे ईश्वर से कृपा की याचना करते
हैं कि कलीसिया उन कर्मों के लिये पश्चात्ताप करे जिसने प्रताड़ितों और कलीसिया में एक
गहरा घाव छोड़ दिया है।
संत पापा ने कहा कि उन्हें ठीक से मालूम है कि पुरोहितों
की ऐसी करतूतों ने लोगों के मन-दिल में भावनात्मक और आध्यात्मिक दर्द छोड़ दिया है और
उन्हें निराश कर दिया है। कई लोग इस प्रकार की परिस्थितियों से गुज़रने के बाद बुरी आदतों
के शिकार हो गये हैँ तथा इससे कई परिवार टूट भी गये हैँ।
संत पापा ने कहा कि
पुरोहितों द्वारा किये गये यौन दुराचार से लोगों का विश्वास कमजोर हुआ है और ईश्वर के
प्रति उनकी आस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
संत पापा ने कहा कि आज हम इस बात
के लिये ईश्वर को और एक-दूसरे को धन्यवाद दें कि उन्होंने हमें एक-दूसरे की आँखों में
देखने का अवसर प्रदान किया है ताकि हम पश्चात्ताप करें और एक –दूसरे से मेल-मिलाप करेँ।
संत पापा ने कहा हम उपस्थित लोगों की सराहना करते हैं क्योंकि उन्होंने सत्य
के लिये अपना विश्वास मजबूत किया और कलीसिया की स्नेहपूर्ण सेवा की ताकि कलीसिया से अन्धकार
दूर हो सके।
उन्होंने इस बात को दुहराया कि वे कलीसिया में बाल यौन दुराचार को
कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे और नबालिगों की रक्षा के लिये हर प्रयास करेंगे।
उन्होंने
कहा कि इन बात को ध्यान में रखते हुए पुरोहितों के प्रशिक्षण को विशेष ध्यान दिया जायेगा
ताकि इस प्रकार की बुराइयों के लिये कलीसिया में कोई स्थान न हो।
संत पापा ने
उपस्थित लोगों से निवेदन किया कि वे प्रार्थना करें ताकि ईश्वर कृपा दे जिससे कलीसिया
को नाबालिगों के हित और सुरक्षा के लिये कार्य करने का साहस प्राप्त हो सके और हम संत
पेत्रुस के समान प्रभु को कह सकें " प्रभु आप जानते हैं कि मैं आपको प्यार करता हूँ "
।