मोलिसे, रोम शनिवार 5 जुलाई, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने मोलिसे की यात्रा
के दरमियान कास्तेल पेतरोसो में अब्रुत्सो और मोलिसे के युवाओं से मुलाक़ात की। युवाओं
के दल का नेतृत्व यूथ मिनिस्टरी के प्रतिनिधि अवेज्सानों के धर्माध्यक्ष पियेतरो सानतोरो
ने किया।
संत पापा से मुलाक़ात करते हुए युवाओं ने व्यक्तिगत रूप से अपने विचार
व्यक्त किये और संत पापा को अपने चिन्तायें तथा आकांक्षाओं प्रकट कीँ।
धर्माध्यक्ष
पियेतरो ने बतलाया कि युवा चाहते हैं कि वे सहर्ष अपनी आशाओं और इच्छाओं के साथ
'एवाजेली गौदियुम' के आमंत्रण को स्वीकार कर, येसु में अपने जीवन का नवीनीकरण करें,
येसु के सामर्थ्य से दृढ़ निश्चय करें कि वे अपने जीवन में सदा येसु को खोजते रहेंगे।
उन्होंने संत पापा को बतलाया कि देश के युवा उदार और नेक हैं पर उनके दिलों में
भी कई बेरोजगारी और असुरक्षा के घाव हैं। वे भी चाहते हैं कि वे एक ऐसे राष्ट्र में जीयें
जहाँ वे भी भ्रातृत्व, न्याय, और क्षमा के पौधे बढ़े।
युवाओं का प्रतिनिधित्व
करती हुए 29 वर्षीय सारा ने बताया कि भय और घबराहट तथा द्विधा मेरे दिल को घेरे रहती
है पर मैं अपने सबकुछ को दयालु ईश्वर के हाथों में सौंप देती हूँ।
उसने संत पापा
को बताया कि युवा अपने राष्ट्र को प्यार करते हैं जिसके लिये उनके दादा –परदादाओं ने
अपना खून और पसीना बहाया था और चाहते हैं कि उनका जो स्वप्न है पवित्रता का, एक अच्छे
परिवार का रोजगार का पूरी हो।
सारा ने संत पापा से निवेदन किया कि वे उनके लिये
प्रार्थना करें ताकि युवा अपनी आशा न खोयें, धर्मी बने रहें और सामाजिक विषमताओं के बावजूद
अपने विश्वास में मजबूत हों और कलीसिया तथा राष्ट्र की सेवा कर सकें।