2014-07-02 12:34:15

अहमदाबादः सर्रोगेसी निर्धनों के लिये फँदा, धर्माध्यक्ष मैकवान


अहमदाबाद, 02 जुलाई सन् 2014 (एशियान्यूज़): अहमदाबाद के काथलिक धर्माध्यक्ष थॉमस इग्नेशियस मैकवान ने सर्रोगेसी को "मानवीय गरिमा के विपरित" बताया है।

गुजरात की निर्धन महिलाओं में तीव्र गति से लोकप्रिय होती सर्रोगेसी यानी कोख किराये पर देने के चलन को धर्माध्यक्ष मैकवान ने नैतिक एवं मानवीय मूल्यों का उल्लंघन निरूपित किया।

अहमदाबाद धर्मप्रान्त में ही सर्रोगेसी का सबसे प्रसिद्ध "आनन्द आकाँक्षा बाँझपन चिकित्सालय" है जहाँ विश्व के विभिन्न देशों से निःसन्तान दम्पत्ति सन्तान के लिये आवेदन देते हैं।

सर्रोगेसी पर एशिया समाचार से बातचीत में धर्माध्यक्ष मैकवान ने कहाः "सर्रोगेसी निर्धनतम महिलाओं में लोकप्रिय होती जा रही है क्योंकि इससे आसानी से और थोड़े से प्रयास से धन कमाया जा सकता है किन्तु हम इसका विरोध करते हैं इसलिये कि यह मानव प्रतिष्ठा के विरुद्ध है।"

धर्माध्यक्ष ने कहा कि दस्तावेज़ों के अनुसार उक्त चिकित्सालय बाँझपन के उपचार के लिये है किन्तु वास्तविकता यह है कि यह भारत का सर्वाधिक विख्यात सर्रोगेसी केन्द्र है जहाँ समस्त विश्व से निःसन्तान दम्पत्ति सन्तान की तलाश में आते हैं।

सन् 1999 में स्थापित अहमदाबाद के उक्त चिकित्सालय में 21 से 35 वर्ष तक की महिलाओं के कोख को किराये पर लिया जाता है तथा उनमें बाँझ ग्राहक के भ्रूण को आरोपित कर सन्तानोत्पत्ति की जाती है। इसके लिये गर्भ धारण से लेकर बच्चा जनने तक महिला की देखभाल की जाती है तथा उसे चार लाख रुपये दिये जाते हैँ।

धर्माध्यक्ष मैकवान ने कहा कि उक्त चिकित्सालय निर्धन महिलाओं का इस्तेमाल करता है जिनमें बहुत सी काथलिक महिलाएँ भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद धर्मप्रान्त ने महिलाओं के लिये विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आरम्भ किये हैं ताकि उनमें चेतना जाग्रत की जा सके कि सर्रोगेसी मानवीय मूल्यों के विरुद्ध है।








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