वाटिकन सिटी, शनिवार, 28 जून 2014 (टाइम्स ऑफ इंडिया)꞉ इराक में अब भी कई भारतीय अपने
कार्य स्थलों में फसे हैं जिसका बड़ा उदाहरण है कारबाला। संयुक्त राष्ट्रसंघ के न्याय
हेतु ग़ैरसरकारी स्वयं सेवक दल की रिर्पोट अनुसार करीब 231 भारतीय युवक अपने कार्य स्थलों
में इराक़ी आतंकवादियों के कैद में हैं। इराक के कारबाला में फंसे मनप्रित सिंह ने
टाम्स ऑफ इंडिया के पत्रकारों से कहा, ″हमें दिन में एक या दो बार खाने के लिए खजूर और
चावल दिया जाता है किन्तु कम्पनी से बाहर जाने की अनुमति नहीं दिया जाता है। कुछ दिनों
पूर्व एक हथियार धारी व्यक्ति रात में हमारे पास आकर हमारा पासपोर्ट जमा करने को कहा
किन्तु हमने उन्हें पासर्पोट देने से इन्कार किया। हम नहीं जानते कि कम्पनी अब किनके
हाथों में है। वास्तविक प्रबंधन खत्म हो चुका है।″ उनके सहकर्मी सुनिल ने कहा कि
मैं नहीं सोचता कि वे आतंक वादी हैं किन्तु वे हम पर नजर रख रहे हैं।