धन, सत्ता एवं ख्याति का लालच हृदय को कठोर बना देता
वाटिकन सिटी, शनिवार, 21 जून 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था
के प्रार्थनालय में संत पापा फ्राँसिस ने 20 जून को पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए
धन, सत्ता एवं ख्याति के लालच में पड़ने वालों को चेतावनी दी क्योंकि यह हृदय को कठोर
बना देता एवं सच्चा आनन्द छीन लेता है। उन्होंने प्रवचन में कहा कि वास्तविक खजाना
जो हमारे हृदय को सच्चा आनन्द दे सकता है वह है पड़ोसियों के प्रति प्यार एवं ईश्वर की
आराधना। संत पापा ने प्रवचन में संत मती रचित सुसमाचार पर चिंतन किया जहाँ येसु अपने
शिष्यों को शिक्षा देते हैं कि पृथ्वी पर अपनी सम्पति जमा नहीं करनी चाहिए। पृथ्वी
के ख़ज़ानों में पहला है ‘धन’ जिसके लिए हमेशा चोरों एवं शेयर बाजार की सनक का भय बना
रहता है। धन की आवश्यकता हमें और हमारे परिवार को है किन्तु जो निरन्तर धन की खोज में
लगे रहते हैं वे अंत में अपनी आत्मा को खो देते हैं। संत पापा ने पृथ्वी के दूसरे
खजाने के बारे में कहा कि यह ख्याति की चाह या दिखावटी करने वालों का घमंड है, यह येसु
के समय उन ढ़ोंगियों की तरह है जो अपनी प्रार्थना तथा दानशीलता का प्रदर्शन करते थे।
पृथ्वी के खजानों में तीसरे नम्बर पर संत पापा ने कहा कि यह सत्ता का लालच है। सत्ता
के लालच के कारण कितने ही घमंडी एवं शक्तिशाली व्यक्तियों का अन्त एकाकी और ग़रीबी की
हालत में जेल में हुआ है। संत पापा ने उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा कि
यदि आप पृथ्वी के ख़जाने की खोज करते हैं तो आपका हृदय बंधा होगा किन्तु येसु हमें कहते
हैं कि हमारे हृदय को स्वतंत्र होना चाहिए। हमारा हृदय तभी स्वतंत्र हो सकता है यदि हम
स्वर्ग के ख़जाने की खोज करते हैं। स्वर्ग के ख़ज़ाने हैं꞉ प्रेम, धैर्य, सेवा एवं ईश्वर
की पूजा ये सभी ख़ज़ाने हमें हृदय की स्वतंत्रता एवं ज्योति प्रदान करेंगे। संत पापा
ने अंत में विवेक शक्ति एवं पृथ्वी के खजानों की दासता से हृदय को स्वतंत्र रखने के लिए
प्रार्थना की जिससे कि हम ईश्वर के पुत्र-पुत्रियों की तरह सच्चा आनन्द एवं ज़ीने की
स्वतंत्रता प्राप्त कर सकें।