वाटिकन सिटी, सोमवार 16 जून, 2014 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिसि ने पवित्र तृत्व
महोत्सव के अवसर पर रविवार 15 जून को रोम स्थित तरस्तेभेरे में सन एजिदियो समुदाय के
सदस्यों से मुलाक़ात की। उन्होंने ने रोम के तरसतेभेरे में अवस्थित सान्ता मरिया
चर्च में एकत्रित प्रवासियों, बेरोजगारों और वृद्धों से मुलाक़ात की। इस समुदाय में कई
ऐसे लोग थे जो लम्पेदूसा से आये हुए प्रवासी थे जहाँ कुछ महीने पूर्व एक दुर्घटना में
कई अफ्रीकी प्रवासियों की मौत हो गयी थी। संत पापा ने एजिदियो समुदाय के लोगों को
संबोधित करते हुए उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सन एजिदियो समुदाय प्रार्थना
और लोकहितकारी कार्यों द्वारा गरीबों, निस्साहयों और ज़रूरतमंदों की सेवा करता है। संत
पापा ने कहा कि जो समुदाय अपने वृद्धों की सहायता नहीं करता है वह अपने समुदाय के युवाओं
की भी देखभाल नहीं करता है। और ऐसे समुदाय या समाज का भविष्य धुँधला है। ऐसा इसलिये क्योंकि
युवाओं, शिशुओं और बुजूर्गों से से ही इतिहास आग बढ़ता है। संत पापा ने कहा कि बच्चे
और युवा समाज की ताकत हैं और बुजूर्ग हमारी याद को ताज़ा बनाते हैं। जब हमारी याद कमजोर
हो जाती है तब समाज कमजोर हो जाता है। संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित लोगों को याद
दिलाया कि समाज एक समस्या से जूझ रही है और वह है " फेंकने वाली संस्कृति " पूरी दुनिया
के कुचक्र में फँसी है। इसके केन्द्र में हैं मानव नहीं अर्थव्यवस्था है । इसके केन्द्र
में है पैसा। पैसा कि लिये शिशुओं को दुत्कारा जाता है। संत पापा ने कहा कि यूरोपीय
देशों में जन्मदर बिल्कुल घट गया है विशेष करके इटली स्पेन फ्राँस आदि देशों में। वृद्धों
को दुतकारा जा रहा है। इसमें इच्छामृत्यु का भाव छुपा हुआ है। ऐसे मनोभाव रखने वालों
का सोचना है कि जो उपयोगी नहीं हैं उसे हटा देना चाहिये। संत पापा ने कहा कि यूरोप
को चाहिये कि वह अपने स्रोत या जड़ को खोजे। यूरोप ने अपनी जड़ो को खो दिया है। आज ज़रूरत
है कि हमें उसे मदद दें ताकि वह अपने बुनियादी आधार को पुनः प्राप्त करे।