नई दिल्ली, शनिवार, 14 जून 2014 (उकान)꞉ ग्रीनपीस इंडिया ने सरकार की उस रिर्पोट को ख़ारिज
कर दिया है जिसमें पर्यावरण एजेंसी को ‘राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा’ साबित
किया गया है। शुक्रवार 13 जून को ग्रीनपीस की प्रवक्ता भारती सिन्हा ने उका समाचार
से बातें करते हुए कहा, ″हम निश्चय ही देश के विकास के विरूद्ध नहीं हैं। रिर्पोट का
निष्कर्ष ग़लत एवं उपहास- जनक है।″
मालूम हो कि भारत की खुफिया ब्यूरो ने बुधवार
को एक रिर्पोट पेश की थी जिसमें ग्रीनपीस पर आरोप लगाया गया है कि ग्रीनपीस परमाणु ऊर्जा
संयंत्रों और कोयला खनन परियोजनाओं सहित कई विकास परियोजनाओं का विरोध कर देश के आर्थिक
विकास में बाधा पहुँचा रहा है। रिर्पोट में कहा गया है, कि ″कई अखिल भारतीय संगठनों
को ग्रीनपीस की प्रमुख नेटवर्क ने परमाणु विरोधी विरोध प्रदर्शन का संचालन करने में मदद
पहुँचायी है तथा भारत के कोयला आधारित बिजली संयंत्र और कोयला खनन गतिविधि के प्रयासों
को बढ़ावा दिया है।″
रिर्पोट ने ग्रीनपीस के विदेशी वित्त पोषण पर भी सवाल करते
हुए कहा है कि संस्था ने भारतीय विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आयोजन हेतु
उस वित्त राशि का प्रयोग किया है। सिन्हा ने कहा कि ग्रीनपीस सतत् विकास को बढ़ावा
देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोयला निकालने में हमारा
वन उजड़ जाए जबकि ऊर्जा संसाधन के अन्य विकल्प मौजूद हों।