वाटिकन सिटी, शुक्रवार 6 जून 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 6 जून
को वाटिकन सिटी स्थित सान्ता मार्ता अतिथि निवास के प्रार्थनालय में य़ूखरिस्तीय बलिदान
के दौरान प्रवचन देते हुए ' ईशप्रेम और पड़ोसीप्रेम ' पर अपने चिन्तन प्रस्तुत किया।
संत पापा ने कहा कि वे अपने आप से कई बार यह प्रश्न करते हैं कि मेरा येसु के
प्रति प्रेम की क्या स्थिति है ? क्या यह मेरा पहला प्रेम है ? क्या आज मेरा ईशप्रेम
पहला प्यार के समान जीवित है ?
विदित हो संत पापा यूखरिस्तीय बलिदान में संत
योहन से लिये गये ईशवचन पर अपने चिन्तन व्यक्त कर रहे थे जिसमें येसु पेत्रुस से प्रेम
के बारे में प्रश्न करते हैं। उन्होंने कहा कि पहला प्रेम का प्रश्न सिर्फ़ विवाहितों
के लिये लागू नहीं होता है पर धर्मसमाजियों पर भी लागू होता है।
संत पापा ने
कहा कि अगर व्यक्ति के दिल में प्रेम नहीं है तो विवाह टिकता नहीं यह टूट जाता है। इसीलिये
अपने प्रथम प्यार को कदापि न भूलें। सदा प्रेम का नवीनीकरण करें।
संत पापा ने
कहा कि पुरोहितों को चाहिये के वे एक बात याद रखें ईशशास्त्र या दर्शनशास्त्र का विद्वान
बनने के पूर्व वे चरवाहा बनें येसु मसीह के समान और अपनी भेड़ों को चरायें। अन्य बातें
बाद में पूरी हो जायेंगी।
संत पापा ने कहा कि पुरोहितों को दूसरा प्रश्न करना
चाहिये कि क्या मैं चरवाहा हूँ या कलीसिया रूपी स्वयंसेवी संस्था का कार्यकर्ता।
उन्होंने
कहा कि येसु ही हमारी मंजिल है जो लोगों को ऐसा प्यार करता है कि उनके लिये अपने प्राण
दे देता है जो उस बीज के समान है जो मरकर जीवन देता है।