बैंकॉकः अमरीका सहित कई देशों ने तख्तापलट पर व्यक्त की चिन्ता
बैंकॉक, 23 मई सन् 2014 (एपी): अमरीका सहित कई देशों ने थायलैण्ड में सेना के तख्तापलट
पर चिन्ता व्यक्त कर कहा है कि इसका कोई औचित्य नहीं है।
अमरीकी विदेश मंत्री
जॉन कैरी ने कहा, ''सैन्य तख्तापलट का कोई औचित्य नहीं था।" उन्होंने कहा कि इसके कारण
थाईलैंड के लिये तय एक करोड़ अमरीकी डॉलरों की मदद निलंबित की जा सकती है।
फ्रांस,
जर्मनी एवं संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सैन्य कार्रवाई की कटु आलोचना की है।
दक्षिण
पूर्वी एशियाई देश थाईलैंड में बहुत समय से जारी राजनीतिक गतिरोध के बाद मंगलवार को सेना
ने फ़ौजी कानून लागू कर दिया था।
गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल प्रायुत चान-ओचा
ने टीवी पर तख्तापलट की घोषणा कर संविधान को निलंबित कर दिया तथा समस्त नागर प्रशासनों
को सेना के अधीन कर लिया। तख्तापलट के बाद सारी रात कर्फ्यू लगा रहा। लोगों के एकत्रित
होने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है तथा राजनीतिज्ञों को हिरासत में लिया जा रहा है।
एशियान्यूज़
से बातचीत में काथलिक सूत्रों ने कहा कि थायलैण्ड की जनता इस प्रकार की स्थिति की आदी
हो गई है। उन्होंने बताया कि लोगों की आशा थी कि सेना राजनैतिक गतिरोध को भंग करने में
सफल होगी। तथापि, सूत्रों के अनुसार, तख्तापलट से समस्याओं का समाधान नहीं मिलेगा इसके
लिये सभी पक्षों को वार्ताओं और समझौतों के लिये तैयार होना पड़ेगा।
ग़ौरतलब
है कि दिसम्बर माह से थायलैण्ड में राजनैतिक उथल-पुथल शुरु हो गई थी। मई माह के प्रारम्भ
में थायलैण्ड की सर्वोच्च अदालत ने प्रधान मंत्री शिनावत्रा तथा नौ मंत्रियों को, सत्ता
के दुरुपयोग हेतु, अपदस्थ करने का आदेश दे दिया था। शिनावत्रा तथा उनके भाई थकसीन पर
भ्रष्टाचार के भी घोर आरोप हैं। विपक्षी दलों ने थकसीन शासन को हटाने के लिये राजनैतिक
सुधारों एवं नये सिरे से चुनावों की मांग की थी।