पृथ्वी का सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि यह हम सबका घर है
जेनेवा, बृहस्पतिवार, 22 मई 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ जिनिवा में 19 से 24 मई तक चल रहे
67 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की प्रेरिताई में संलग्न परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष ज़िगमंट ज़िमोस्की ने सम्बोधित किया। उन्होंने विश्व
स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित पर्यावरण परिवर्तन के विनाशकारी प्रभाव की रिर्पोट पर
प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ″पृथ्वी तल के गर्म होने की बढ़ोतरी में मानवीय क्रिया-कलापों
द्वारा योगदान के अनेक सबूत हैं जिनके परिणाम स्वरूप पर्यावरण में लगातार विनाशकारी परिवर्तन
हो रहे हैं तथा यह परिवर्तन भविष्य में भी जारी रहेगा।″ उन्होंने संत पापा फ्राँसिस एवं
सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें की अपील की याद की जिन्होंने कहा है कि पृथ्वी का
सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि यह हम सबका घर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रस्तुत
रिर्पोट के स्वास्थ्य संबंधी अन्य मुद्दों पर विचार करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की
कि स्थानीय संस्थाएँ विश्व स्वास्थ्य सगठन के मार्गदर्शन में विश्व व्यापी स्तर पर तैयार
निर्देशों का कार्यान्वयन कर सकेंगी जो कई परिवारों की दुखद परिस्थिति को कम करने में
सहायक सिद्ध होगा। महाधर्माध्यक्ष ज़िमोस्की ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को उनकी व्यापक
रिर्पोट के लिए धन्यवाद दिया। रिर्पोट में मातृत्व, शिशु और छोटे बच्चे के पोषण संबंधी
बातों पर निर्देश दिए गये हैं तथा स्तन पान पर भी विशेष जोर दिया गया है।