वाटिकन सिटी, सोमवार 19 मई, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने 19 मई सोमवार वाटिकन
स्थित संत मार्था अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए
प्रवचन में ‘ह्रदय की स्थिरता’ पर प्रवचन दिया।
संत पापा ने कहा क एक ख्रीस्तीय
का ह्रदय पवित्र आत्मा पर केन्द्रित होता है। उसका एक ऐसा ह्रदय नहीं, जो अस्थिर हो और
एक स्थान से दूसरे स्थान में भटकता रहता है।
संत पापा ने अपने प्रवचन में प्रेरित
चरित से लिये गये पाठ को उद्धृत कर संत पौल के प्रेरितिक जीवन को आधार बनाते हुए कहा
कि उनका ह्रदय पवित्र आत्मा से पूर्ण और स्थिर था।
संत पापा ने कहा कि प्रेरित
संत पौल का मिशनरी उत्साह अनुकरणीय है ।
ग़ैरयहूदियों ने उन्हें जान से मार डालना
चाहा पर उसने उनके विरुद्ध कोई शिकायत नहीं की। वे लिकाउनिया की ओर बढ़े और ईश्वर के
नाम पर एक अर्द्धांग रोगी को चंगा किया। उनके द्वारा हुए चमत्कार को देख वहाँ के लोगों
ने सोचा कि उनके परंपरागत देवता जेउस और हेरमेस देवता धरती पर उतर आये हैं। संत पौल ने
कहा कि वे देवता नहीं मानव मात्र हैं।
संत पापा ने कहा कि पवित्र आत्मा से ही
हम स्थायित्व प्राप्त करते हैं और पवित्र आत्मा हमारे दिल में है जिसे हम उस समय प्राप्त
करते हैं जब बपतिस्मा संस्कार ग्रहण करते हैँ।
उन्होंने कहा कि येसु ने हमें
पवित्र आत्मा के दो कार्यों के बारे में बतलाया है। पवित्र आत्मा हमें पाठ सिखाता और
अच्छा बातें याद कराता है।
संत पापा ने कहा कि पवित्र आत्मा के वरदानों जैसे
- धैर्य और सलाह से ही हम सुदृढ़ हो सकते हैं जो हम आगे बढ़ने में मदद देता है वैसे समय
में भी जब विभिन्न विपत्तियों से घिरे होते हैं।