2014-05-19 17:41:22

संत जोन तेइसवें एकता के आदर्श


1वाटिकन सिटी, सोमवार 19 मई, 2014 (सीएनए) इस्राएल की संसद ने एक विशेष सत्र आयोजित कर संत जोन तेइसवें की इस बात के लिये प्रशंसा की उन्होंने काथलिक कलीसिया के महाधर्मगुरु बनने के पूर्व और अपने परमाध्यक्षीय काल में ख्रीस्तीय यहूदी संबंध को सुधारने में अभूतपूर्व योगदान दिया।

इस्राएल की सरकार ने एक विशेष सत्र में पूर्व अप्रवासी एवं अवशोषण मंत्री याइर जेवेन ने कहा कि संत जोन तेइसवें दुनिया के एक ऐसे आदर्श हैं जिन्होंने विभिन्न जातियों, विश्वास और सम्प्रदाय के लोगों को एकता के एकसूत्र में बाँधने के लिये कार्य किया ।

येरूसालेम पोस्ट समाचारपत्र के अनुसार इस्राएल की संसद ने एक विशेष सत्र बुलाया जिसे ‘नेसेत’ नाम से जाना जाता है। इसमें इस बात पर विशेष रूप से चर्चा हुई कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय तुर्की के प्रेरितिक राजदूत के रूप में संत जोन तेइसवें ने ‘होलोकोस्ट’ के दौरान यहूदियों की रक्षा के लिये विशेष प्रयास किये।
संसद ने संत जोन तेइसवें द्वारा तैयार किये गये दस्तावेज़ ‘नोस्तरा आयेताते’ तथा द्वितीय वाटिकन महासभा की घोषणा शामिल है जिसमें भी प्रशंसा की। इस दस्तावेज़ में यहूदी-काथलिक संबंधों को सुधारने और मजबूत करने के लिये ठोस कदम उठाये गये।
सन् 1965 ईस्वी में नोस्तार आयेताते नामक दस्तावेज़ को सार्वजनिक किया गया जिसमें उन दावों को अस्वीकृत को किया गया जिसमें यहूदियों को येसु की मृत्यु के लिये दोषी माना गया था।

संसद सदस्य एदेस्ल्तीन कहा कि संत पापा जोन तेइसवें एक मानवादी, संवेदनशील व्यक्ति थे जिन्होंने यहूदियों की रक्षा के लिये अथक प्रयास किये। उन्होंने कहा कि संत जोन तेइसवें ने ‘होलोकोस्ट’ के दौरान एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें यहूदियों को बचाने के क्रम में संपर्क किया जा सकता था।









All the contents on this site are copyrighted ©.