सूडान, शुक्रवार 16 मई, 2014 (बीबीसी) सूडान की एक अदालत ने एक गर्भवती महिला को इस्लाम
छोड़ने और एक ईसाई से शादी करने के लिए फांसी की सज़ा सुनाई है।
समाचार एजेंसी
एएफ़पी की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत में जज ने मरियम यहया इब्राहिम इशाग नाम की महिला
से कहा, "हमने आपको फ़ैसला बदलने के लिए तीन दिनों की मोहलत दी थी, फिर भी आप इस्लाम
दोबारा कबूलने को राज़ी नहीं हुई इसलिये अदालत आपको फांसी की सज़ा सुनाती है।"
अदालत
के फैसले पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए पश्चिमी दूतावासों और मानवाधिकार समूहों ने
से अपील की है कि वह एक गर्भवती महिला के अधिकारों का सम्मान करे और उसे उसकी इच्छा के
मुताबिक धर्म चुनने की इजाज़त दे।
वैसे सूडान के स्थानीय मीडिया के मुताबिक मरियम
को तब तक मौत की सज़ा नहीं दी जाएगी जब तक उनका बच्चा दो साल का नहीं हो जाता।
सूडान
एक वाला देश है। यहाँ के लोग इस्लामी क़ानून का पालन करते हैं। क़ानून के मुताबिक यहां
धर्म बदलना अपराध है.
अदालत ने इस्लाम छोड़ने और ईसाई से शादी करने के लिए महिला
को फांसी की सज़ा सुनाई है।
जज ने युवती को फाँसी के अलावा 100 कोड़े लगाने की
भी सज़ा सुनाई है क्योंकि इस्लामी क़ानून के तहत एक ईसाई से शादी करना जुर्म है।
एएफ़पी
के मुताबिक फैसले से पहले सुनवाई के दौरान एक मौलवी ने महिला से बंद कटघरे में 30 मिनट
तक पूछताछ की। मौलवी से बातचीत के बाद जब मरियम वापस जज के सामने आई तो जज को संबोधित
करते हुए उन्होंने कहा, "मैं एक ईसाई हूँ और मैंने कभी अपने धर्म का त्याग नहीं किया
है।"
एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि मरियम यहया इब्राहिम इशाग की परवरिश उनकी
ईसाई माँ ने एक रूढ़िवादी ईसाई के तौर पर की क्योंकि उनके जन्म के बाद से ही उनके मुस्लिम
पिता कथित तौर पर उनके साथ नहीं थे। "मैं ईसाई हूं और मैंने कभी अपने धर्म का त्याग
नहीं किया है।"
सूडान की अदालत में, जज ने युवती का मुस्लिम नाम 'अदरफ़ अल-हदी
मोहम्मद अब्दुल्ला' पुकारा।
अदालत ने मरियम को व्यभिचार का दोषी पाया क्योंकि
इस्लामी क़ानून के अनुसार सूडान में कोई मुस्लिम महिला किसी ग़ैर मुस्लिम से शादी नहीं
कर सकती।
एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि 2013 के अगस्त महीने में मरियम पर
व्यभिचार का आरोप लगाया गया था। 2014 के फरवरी में जब मरियम ने कहा कि वह मुसलमान नहीं,
ईसाई हैं, तब अदालत ने मरियम पर अपना धर्म त्यागने का भी आरोप लगाया।
एमनेस्टी
इंटरनेशनल ने मांग की है कि मरियम को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।