सच्चाई, अच्छाई और सुन्दरता को जानने का समय है, विद्यार्थी जीवन
वाटिकन सिटी, सोमवार 12 मई, 2014 (सेदोक,वीआर) इतालवी धर्माध्यक्षीय परिषद द्वारा प्रायोजित
एक विशेष कार्यक्रम ‘कलीसिया स्कूलों के लिये’ के तहत रोम के ऐतिहासिक संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 10 मई को इटली के करीब 3 लाख स्कूली छात्र-छात्राओं
से मुलाक़ात की। आयोजकों के अनुसार स्कूली छात्र – छात्राओं तथा शिक्षक – शिक्षिकाओं
तथा अभिभावकों को एक साथ इकट्ठा करने का लक्ष्य था - इटली में शिक्षा के प्रति उत्साह
और जागरुकता का साक्ष्य देना और शिक्षा संबंधी चुनौतियों को पर चिन्तन करना। लाखों
की संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा,
"मैं अपने स्कूल को तीन कारणों से प्यार करता था। पहला, स्कूल जाने से सत्य के प्रति
हमारा मन-दिल खुलता है; दूसरा, यह जीवन निर्माण के दौर का अहम् चरण है; और तीसरा, स्कूल
में हम सच्चाई, अच्छाई और सुन्दरता के बारे में सीखते हैं।" संत पापा ने इटली के
विद्यार्थियों को एक अफ्रीकी कहावत के बारे में बतलाते हुए कहा, " एक विद्यार्थी को पढ़ाना
पूरे गाँव को शिक्षित करना है।" फिर उन्होंने कहा कि जब हम किसी युवा को शिक्षित करते
हैं तब इसके साथ कई लोगों को जुड़ना पड़ता है जैसे परिवार, शिक्षक, ग़ैर शिक्षण कर्मी
और अन्य सहयोगी। संत पापा ने एक दूसरी कहावत के बारे में बतलाया कि "एक सच्ची हार
गन्दी जीत से भली है। उन्होंने कहा कि स्कूल का लक्ष्य है सत्य के बारे में समझने में
मदद देना, अच्छाई और सुन्दरता को समझने में सहायक सिद्ध होना और ये तीनों एक-दूसरे से
जुड़े हुए हैं।" संत पापा ने विद्यार्थियों को याद दिलाया कि स्कूली जीवन सिर्फ़
ज्ञान हासिल करने का वक़्त नहीं है पर एक ऐसा समय है जब हम अच्छी आदतों और मूल्यों को
सीखते हैं। उन्होंने कहा अच्छी शिक्षा तीन भाषा सीखने में लोगों का मदद करती है,
मन की भाषा, ह्रदय की और हाथ की भाषा। फिर भी यह ज़रूरी है कि हम उस पर चिन्तन करें जिसके
बारे में सोचते और करते हैं और उस बात को कार्य रूप दें जिसे हम ठीक से सोचते और अनुभव
करते हैं।