2014-05-12 15:17:22

पुनर्जीवित ख्रीस्त हमारे सच्चे गड़ेरिये


वाटिकन सिटी, सोमवार, 12 मई 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 11 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ ‘स्वर्ग की रानी’ प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,
″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
सुप्रभात,
पास्का के चौथे सप्ताह में सुसमाचार लेखक संत योहन हमारे लिए येसु को एक भले गड़ेरिये रूप में प्रस्तुत करते हैं। सुसमाचार के इस पाठ पर चिंतन करते हुए हम समझ सकते हैं कि येसु का अपने शिष्यों के साथ क्या संबंध था। यह एक ऐसा संबंध था जिसमें कोमलता, स्नेह, आपसी समझदारी तथा अतुलनीय उपहार की प्रतिज्ञा थी क्योंकि येसु कहते हैं, ″मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्त करें- बल्कि परिपूर्ण जीवन प्राप्त करें।″(यो.10꞉10) येसु का यह कथन ख्रीस्तानुयायियों एवं मानवीय संबंधों दोनों के लिए आदर्श है।
संत पापा ने कहा कि जिस प्रकार येसु के समय में कई चरवाहे थे उसी प्रकार आज भी हमारे जीवन के कई चरवाहे हैं किन्तु पुनर्जीवित ख्रीस्त ही हमारे सच्चे गड़ेरिये हैं जो बहुतायत में हमें जीवन प्रदान करते हैं। संत पापा ने सभी विश्वासियों को प्रोत्साहन देते हुए कहा, ″मैं आप सभी को प्रोत्साहन देता हूँ कि आप प्रभु के मार्गदर्शन में भरोसा रखें। वे न केवल हमारा मार्गदर्शन करते बल्कि वे साथ देते हैं एवं हमारे साथ चलते हैं। जब हम खुले मन और हृदय से उनका वचन सुनते हैं तो यह हमारे विश्वास को तृप्त करता, हमारे अंतःकरण को उंजियाला प्रदान करता तथा सुसमाचार की शिक्षा पर चलने में हमें मदद करता है।″
इस रविवार, हम कलीसिया के चरवाहों के लिए प्रार्थना करें, रोम के धर्माध्यक्ष के साथ सभी धर्माध्यक्षों एवं सभी पुरोहितों के लिए तथा सभी धर्मगुरूओं के लिए। विशेषकर, रोम धर्मप्रांत के नवअभिषिक्त पुरोहितों के लिए हम प्रार्थना करें जिन्हें संत पेत्रुस महागिरजाघर में, आज मैंने अभिषिक्त किया है। मैं उन 13 नये पुरोहितों का अभिवादन करता हूँ। ईश्वर द्वारा सौंपी गयी प्रजा की देखभाल में, हम सदा विश्वस्त, विवेकशील एवं प्रबुद्ध गुरु बने रहें। ईश्वर इस कार्य में हमारी सहायता करें। मैं आप सभी से भी आग्रह करता हूँ कि आप हमें भले चरवाहे बनने में मदद करें। संत पापा ने आरम्भिक कलीसिया के पिता अर्लेस के संत कैसारियुस के कथन की याद की जिसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया था कि वे अपने चरवाहों की मदद करें। चरवाहे की मदद की आवश्यकता के महत्व को समझाते हुए उन्होंने एक उदाहरण भी दिया था कि बछड़ा जब भूखा होता है तब वह अपनी माँ के पास दूध पीने जाता है किन्तु गाय उसे तुरन्त दूध नहीं देती, इसपर बछड़ा माँ का दूध पीने की कोशिश करता है उसे धक्के मारता है और वह दूध पी लेता है। संत पापा ने कहा कि यह एक सुन्दर उदाहरण है। संत कैसारियुस कहना चाहते हैं कि हमें चरवाहों के साथ रहना चाहिए। उनके दरवाजों पर दस्तक देना चाहिए, उनके हृदयों पर, क्योंकि कलीसिया के चरवाहे हमें धर्म-शिक्षा, कृपा एवं मार्गदर्शन का दूध प्रदान करते हैं।
मैं आप से कहता हूँ कि बछड़े के इस सुन्दर उदाहरण पर चिंतन करें कि वह किस प्रकार अपनी माँ को परेशान करता है जिससे कि उसे दूध मिल जाए उसी प्रकार, कृपया हम सभी चरवाहों को आप परेशान करें, हमें तंग करें जिससे कि हम कृपाओं, धर्म-शिक्षा एवं आध्यात्मिक मार्गदर्शन का दूध प्राप्त कर सकें।
संत पापा ने सभी चरवाहों को सम्बोधित करते हुए कहा कि येसु का अनुसरण करते हुए प्रत्येक चरवाहे को ईश प्रजा की आशा बन कर उन्हें राह दिखाने हेतु आगे चलना है, किन्तु कुछ अन्य अवसरों पर उनके बीच साधारण एवं करुणामय बनकर रहना है और कुछ परिस्थितियों में तो पीछे छूटे लोगों की सुधि लेने के लिए उनके पीछे भी चलना है। (एवनजेली गौदियुम 31)
संत पापा ने कहा कि यह रविवार बुलाहट को समर्पित विश्व प्रार्थना दिवस है। इस वर्ष के संदेश में मैंने कहा है कि ″प्रत्येक बुलाहट अपने जीवन से बाहर आकर ख्रीस्त तथा उनके सुसमाचार पर जीवन को केंद्रित करने की माँग करती है।″ यही कारण है कि ख्रीस्त का अनुसरण रोमांचक और चुनौतीपूर्ण है। हम इसे किस प्रकार कर सकते हैं? इसके लिए हमें ख्रीस्त के साथ गहन मित्रता बनाने की आवश्यकता है जिससे कि हम उनके लिए जी सकें।
हम सभी युवाओं के लिए प्रार्थना करें जिन्होंने प्रभु की पुकार सुनी किन्तु कई कारणों से बंधन महसूस कर रहे हैं। हम उनके लिए भी प्रार्थना करें जिन्हें प्रभु पुरोहिताई के लिए बुला रहे हैं। हम सभी युवाओं के लिए प्रार्थना करें।
इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया।
स्वर्ग की रानी प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात् संत पापा ने देश विदेश से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पयर्टकों का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा, ″मैं आप सभी का अभिवादन करता हूँ, विशेषकर, इटली के सभी परिवारों, संगठनों एवं सभी लोक-धर्मियों तथा विभिन्न देशों से एकत्र विश्वासियों का।″
मैं नवदीक्षित ख्रीस्तीय समुदाय का अभिवादन करता हूँ आप रोम तथा विश्व के विभिन्न शहरों में पुनर्जीवित ख्रीस्त की घोषणा करें।
संत पापा ने प्रथम परमप्रसाद एवं दृढ़ीकरण संस्कार ग्रहण करने वाले बच्चों को विशेष आर्शीवाद प्रदान किया। नव अभिषिक्त पुरोहितों के परिवारों एवं प्रियजनों को भी आर्शीवाद दिया तथा माँ को समर्पित दिवस के उपलक्ष्य में सभी माताओं का अभिवादन कर उन्हें येसु की माता मरियम के चरणों के सिपुर्द किया।
अंत में उन्होंने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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