2014-05-10 16:19:20

लोकधर्मी संस्था के सदस्यों से संत पापा की मुलाकात



वाटिकन सिटी, शनिवार, 10 मई 2014 (सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित कॉनचिसतोरो के सभागार में संत पापा फ्राँसिस ने 10 मई को इटली की लोकधर्मी संस्थाओं के सम्मेलन के 200 सदस्यों से मुलाकात की।
संत पापा ने उनका अभिवादन करते हुए कहा कि वे पुरोहित, धर्मसंघी एवं लोक-धर्मियों के रूप में अन्यों के समान ही ख्रीस्त के प्यार एवं सुसमाचार की शक्ति को विभिन्न रूपों में प्रचार करने के लिए बुलाये गये हैं।
संत पापा ने पोप पौल 6 वें के कथन को लेते हुए कहा, ″आप कलीसिया के चिन्ह हैं, जिस प्रकार शब्द ने शरीर धारण कर मानव रूप धारण किया, उसी प्रकार, आप जिनके जीवन में ख्रीस्त का संदेश लाना चाहते हैं उनके लिए बिना किसी विशेषाधिकार के उनके बीच जाएं। यदि आप लोगों को सुनना एवं समझना चाहते हैं तो बोलने से पहले उनकी बात सुनें, उन्हें समझें, जितना हो सके उनका आदर करें तथा आवश्यक हो तो उनके साथ चलें। यदि हम जनता के चरवाहे, पुरोहित एवं धर्मगुरू बनना चाहते हैं तो उनके भाई बनें। वार्ता की चरम सीमा है मैत्री, निश्चय ही सेवा के साथ।″
ख्रीस्त के संदेश के सार तत्वों को अपनाते हुए आप विश्व में पिता ईश्वर के प्रेम से भरे हैं।
आपकी बुलाहट सभी लोगों के प्रति ध्यान रखने के लिए आपको प्रेरित करती है। ईश्वर के प्यार के ख़ातिर आप लोगों को स्नेह एवं सामीप्य देने के योग्य हैं। अपनी बुलाहट के अनुरूप आप लोगों के पास जाएँ। यदि आप ऐसा करने में असमर्थ महसूस करते हैं एवं आराम की खोज करते हों तो आपको शीघ्र मन-परिवर्तन की आवश्यकता है। आप ख़मीर हैं जो बहुतों के लिए पौष्टिक रोटी तैयार करने में मदद करता है। ऐसी रोटी जो लोगों की भूख मिटाती है। आप अन्यों की आवश्यकताओं, मनोकामनाओं, निराशा, आशा आदि को सुनने का प्रयास करें।
आप दुनिया की राहों पर चलने में गति धीमी न कर बैठें। प्रेरितिक उत्साह एवं ख्रीस्त के आनन्द को अन्य के बीच बाँटें। ईश्वर से मुलाकात करने वाले आप सभी अमूल्य हैं। दीनता एवं धीरज के अभ्यास द्वारा आप कलीसिया एवं देश के लिए कीमती उपहार बनें।








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