वाटिकन सिटी, शुक्रवार 9 मई, 2014 (सीएनए) संत प्रकरण के लिये बनी परमधर्मपीठीय संघ
द्वारा संत पापा पौल षष्टम् की मध्यस्थता से एक आजन्म शिशु की चंगाई को अनुमोदित कर देने
के बाद उन्हें धन्य घोषित करने मार्ग प्रशस्त हो गया है। आशा की जा रही है कि संत
पापा पौल षष्टम् की मध्यस्थता से सम्पन्न चमत्कार को संत पापा के सम्मुख प्रस्तुत किया
जायेगा और उनके अनुमोदन के बाद पोप पौल षष्टम् की धन्य घोषणा की तिथि निश्चित की जायेगी। जिस
आजन्मे शिशु के साथ यह चंगाई की घटना अमेरिका के कैलिफोर्निया में सन् 1990 ईस्वी में
हुई। समाचार के अनुसार जन्म के पूर्व हुई जाँच में चिकित्सकों ने पाया कि आजन्मे बच्चे
का मस्तिष्क स्वस्थ नहीं है अतः उन्होंने महिला को सलाह दी वह गर्भपात कराये। पर उनकी
माँ ने इसे अस्वीकार कर दिया और संत पापा पौल षष्टम् की मध्यस्थता से प्रार्थना करने
लगी। समाचार के अनुसार बच्चे का जन्म हुआ और वह बिल्कुल स्वस्थ था और अब वह पूर्णतः
स्वस्थ युवा है। आशा की जा रही है कि पौल षष्टम् का धन्य घोषणा समारोह अगले 19 अक्तूबर
को रोम में सम्पन्न हो सकता है जब परिवार विषय पर धर्माध्यक्षों की अतिविशेष महासभा
सम्पन्न होगी। मालूम हो कि संत पापा पौल षष्टम् का जन्म इटली के लोमबारदी शहर में
सन् 1897 ईस्वी में हुआ था। 22 साल की आयु में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ और बाद में वे
मिलान के धर्माध्यक्ष बने और सन् 1963 ईस्वी में संत पापा। सन् 1978 ईस्वी में उनकी मृत्यु
हो गयी। सन् 1993 ईस्वी में पौल षष्टम् को संत बनाये जाने की प्रक्रिया आरंभ हुई
और सन् 1912 ईस्वी में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने उनके विशिष्ट गुणों को मान्यता
देकर उन्हें ‘वन्दनीय’ घोषित किया था। पोप पौल षष्टम् ने ही वाटिकन महासभा द्वितीय
के समय कलीसिया की अगवाई की, सन् 1969 ईस्वी में नया ‘रोमन मिसल’ लागू किया और ‘ह्यूमनय
भीतय’ नामक दस्तावेज़ को अनुमोदित किया जिसके द्वारा गर्भनिरोधकों का विरोध और पुरोहिताई
शुद्धता की पुनर्पुष्टि की गयी थी।