वाटिकन सिटीः कलीसिया केवल धर्म का स्कूल नहीं, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 07 मई सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि कलीसिया केवल
धर्म का एक स्कूल नहीं अपितु वह दैनिक जीवन में प्रभु येसु का साक्ष्य देने के लिये बुलाई
गई है।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, मंगलवार
को, ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कलीसिया के प्रथम शहीद
सन्त स्टीवन के साक्ष्य पर चिन्तन प्रस्तुत किया।
सन्त पापा ने कहा, "साक्ष्य
के बिना ख्रीस्तीय जीवन अथवा ख्रीस्तीय धर्मानुयायी को समझना असम्भव है। ख्रीस्तीय धर्म
विचारधाराओं का धर्म नहीं, वह परिशुद्ध धर्मतत्वविज्ञान का धर्म नहीं और न ही वह नियमों
का धर्म मात्र है।"
उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय विश्वासी प्रभु येसु मसीह के साक्षी
हैं, वे ख्रीस्त का अनुसरण करते तथा उन्हीं की तरह अपने जीवन आचरण द्वारा विश्व के समक्ष
सत्य के साक्षी बनते हैं और कभी-कभी साक्ष्य देते हुए उन्हें मृत्यु का भी सामना करना
पड़ता है।"
प्रेरित चरित ग्रन्थ में निहित सन्त स्टीवन की शहादत को याद कर सन्त
पापा ने कहा, "जैरूसालेम की कलीसिया के विरुद्ध उत्पीड़न का काल शुरु हो गया था तथा शैतान
द्वारा उकसाये गये लोग अपने आप को शक्तिशाली समझने लगे थे इसीलिये उन्होंने यहूदिया से
लेकर समारिया तक ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को प्रताड़ित करना शुरु कर दिया था।" किन्तु,
सन्त पापा ने कहा कि इस उत्पीड़न ने सुसमाचार का प्रचार करनेवाली कलीसिया के प्रति हज़ारों
को आकर्षित किया तथा शहीदों का रक्त ख्रीस्तीयों का बीज बना।"
सन्त पापा ने
कहा, प्रारम्भिक कलीसिया के सदस्यों के सदृश ही आज के ख्रीस्तीनुयायी भी कठिनाइयों के
बावजूद अपने दैनिक जीवन द्वारा प्रभु येसु मसीह एवं उनके सुसमाचार का साक्ष्य देने के
लिये बुलाये गये हैं ताकि विश्व में न्याय, शांति, प्रेम एवं मैत्री का प्रसार हो सके।