2014-04-22 11:59:21

प्रेरक मोतीः सन्त अबदिसुस (निधन 342 ई.)


सन्त अबदीसुस फारस यानि वर्तमान ईरान के शहीद सन्त हैं जिन्हें हेबेद येसुस के नाम से भी जाना जाता है। फारस में अबदीसुस ख्रीस्तीय समुदाय के प्रधान पुरोहित थे जिन्हें चौथी शताब्दी में फारस के राजा शापुर द्वितीय के दमनकाल काल का शिकार बनना पड़ा था।


प्राप्त अभिलेखों से यह संकेत मिलता है कि अबदीसुस की शहादत के समय वे अकेले नहीं थे अपितु उनके साथी पुरोहित अब्रोसिमुस, असेप्सिमुस, अज़ादानेस, अज़ादेस, बीकोर, मारीज़, मिलेस तथा तारबुला नामक एक महिला तथा अनेक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी भी उनके साथ थे। इन सभी को ख्रीस्तीय धर्म का परित्याग न करने के लिये नाना प्रकार उत्पीड़ित किया।


ख्रीस्त में विश्वास के धनी ये सन्त अत्याचारों के समक्ष भी नहीं झुके। थककर राजा शापुर के आततायियों ने इन्हें मौत के घाट उतार दिया। इनमें ख्रीस्तीय पुरोहितों के अतिरिक्त धर्माध्यक्ष एवं कुछेक राजदरबारी भी शामिल थे। तारबुला नामक महिला सन्त सिमियोन की बहन थी जिन्हें दर्दनाक मृत्यु का सामना करना पड़ा। आरे से उनके शरीरांगों काट काट कर उन्हें मार डाला गया था। सन्त अबदिसुस के साथ फारस के इन्हीं सभी शहीदों का स्मृति दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है।



चिन्तनः "धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम जब लोग मेरे कारण तुम्हारा अपमान करते हैं, तुम पर अत्याचार करते हैं और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्द मनाओ स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे पहले के नबियों पर भी उन्होंने इसी तरह अत्याचार किया" (सन्त मत्ती अध्याय 5, 10-12)।








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