वाटिकन सिटीः रोगियों, बेघर लोगों के प्रति कलीसिया रहे उदार, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 18 अप्रैल सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन तथा रोम में पुण्य बृहस्पतिवार की धर्मविधियों
का नेतृत्व कर सन्त पापा फ्राँसिस ने, ईस्टर महापर्व पर अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचनेवाले,
दिवसत्रय का शुभारम्भ किया।
गुरुवार प्रातः उन्होंने वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस
महागिरजाघर में पवित्र विलेपन के उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग अर्पित कर तेलों की आशीष विधि
सम्पन्न की। लगभग 10,000 श्रद्धालुओं के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए सन्त पापा ने
पुरोहितों को साधारण जीवन यापन द्वारा पौरोहित्य के सौन्दर्य का अनुभव पाने का सन्देश
दिया।
गुरुवार सन्ध्या सन्त पापा फ्राँसिस ने रोम स्थित डॉन कारलो न्योकी
न्यास द्वारा संचालित स्वास्थ्य केन्द्र में 12 रोगियों एवं विकलांगों के पैर धोकर पुण्य
बृहस्पतिवार की पारम्परिक विधि पूरी की।
क्रूसमरण से एक दिन पूर्व प्रभु
येसु ख्रीस्त ने भी अपने शिष्यों के पैर धोकर विश्व के समक्ष दीनता एवं विनम्रता की एक
अनोखी मिसाल प्रस्तुत की थी। इसी की स्मृति में पुण्य बृहस्पतिवार के दिन गिरजाघरों में
ख्रीस्तयाग के अवसर पर पुरोहित 12 व्यक्तियों के पैर धोते हैं ताकि सब समय के लिये ख्रीस्तानुयायी
यह याद रखें कि प्रेममयी सेवा उनका धर्म है।
रोम के स्वास्थ्य केन्द्र में
जिन 12 व्यक्तियों के सन्त पापा फ्राँसिस ने पैर धोये उनकी उम्र 16 से 86 वर्ष की थी।
इनमें चार महिलाएं तथा लिबिया के 75 वर्षीय इस्लाम धर्मानुयायी हामेद भी शामिल थे जो
एक कार दुर्घटना के परिणामस्वरूप मस्तिष्काघात की गम्भीर बीमारी से पीड़ित हैं।
स्वास्थ्य केन्द्र के प्रार्थनालय में अर्पित ख्रीस्तयाग के अवसर पर अपने प्रवचन
में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहाः "अपने हृदयों में इस क्षण हम एक दूसरे पर विचार करें....
यह विचार करें कि किस प्रकार हम अन्यों की मदद कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा
कि पुण्य बृहस्पतिवार के दिन अन्यों के पैर धोना स्वतः को याद दिलाना है कि प्रभु येसु
मसीह ने भी अपने शिष्यों के पैर धोये थे।
उन्होंने कहा, "येसु ने इस नेक
कृत्य को अपना दायित्व माना, उन्होंने दास की, सेवक की सेवा स्वीकार की और यही धरोहर
हमारे लिये छोड़ी है जिससे हम भी एक दूसरे के सेवक बनें।"