2014-04-17 10:55:32

वाटिकन सिटीः पवित्र विलेपन याग से सन्त पापा ने किया पुण्य दिवसत्रय का शुभारम्भ


वाटिकन सिटी, 17 अप्रैल सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में, पुण्य गुरुवार को, प्रातः साढ़े नौ बजे, रोम के कार्डिनलों एवं धर्माध्यक्षों के साथ, पवित्र विलेपन के उपलक्ष्य में अर्पित ख्रीस्तयाग से सन्त पापा फ्राँसिस ने पुण्य दिवसत्रय का शुभारम्भ किया।


पवित्र विलेपन के उपलक्ष्य में अर्पित ख्रीस्तयाग के दौरान पुरोहित अपने अभिषेक के क्षण की गई शपथों को दुहराते हैं। इस अवसर पर रोगियो, नवदीक्षार्थियों एवं दृढ़ीकरण संस्कार ग्रहण करनेवाले ख्रीस्तीयों के विलेपन हेतु तेलों पर आशीष दी जाती है।


ख्रीस्तयाग के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने पुरोहित होने के आनन्द का मर्म समझाया और कहा कि पौरोहित्य प्रभु येसु ख्रीस्त द्वारा मानव जाति को दिया गया एक महान वरदान है।


सन्त पापा ने कहा, "हम पुरोहितों को प्रभु ने आनन्द के तेल से विलेपित किया है तथा यह विलेपन हमें इस अनमोल कोष को ग्रहण करने तथा अन्यों में बाँटने के लिये आमंत्रित करता है।"


उन्होंने कहा कि पौरोहित्य आनन्द केवल पुरोहित का ही नहीं किन्तु सम्पूर्ण ईश प्रजा का आनन्द है जिसमें से पुरोहित चुना जाता तथा जिसके बीच आनन्द के तेल से विलेपित करने के लिये प्रेषित किया जाता है।


सन्त पापा ने कहा कि काथलिक पुरोहित को सदैव याद रखना चाहिये कि उसे मिले मिशन के कारण वह छोटों में भी छोटा ही है। उन्होंने कहाः "पुरोहित तब तक मनुष्यों में सबसे छोटा है जब तक येसु ख्रीस्त उसे उनकी दीनता से समृद्ध नहीं बनाते, वह सेवकों में सबसे बेकार सेवक होगा जब तक येसु ख्रीस्त उसे अपना मित्र कहकर नहीं बुलाते, मनुष्यों सबसे अधिक अज्ञानी जब तक येसु उसे पेत्रुस के समान धैर्यपूर्वक शिक्षा नहीं देते, वह तब तक सबसे कमज़ोर ख्रीस्तानुयायी रहेगा जब तक भले गड़ेरिये येसु उसे चरागाह के बीच भेजकर मज़बूत नहीं बनाते।"


सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि पुरोहित यथार्थ आनन्द का अनुभव तब ही प्राप्त कर सकता है जब वह आज्ञाकारिता और निष्ठा के साथ अपनी प्रेरिताई का निर्वाह करे।










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