वाटिकन सिटी 13 अप्रैल सन् 2014 सन्त पापा मार्टिन प्रथम 21 जुलाई सन् 649 ई. से 16
सितम्बर सन् 655 ई. तक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष थे। उनका जन्म इटली के ऊम्ब्रिया
प्रान्त के टोडी नगर में हुआ था। इसीलिये उनके जन्म स्थल को आज "पियान दी सान मार्तीनो"
भी कहा जाता है। सन्त पापा थियोदोर प्रथम के बाद सन्त पापा मार्टिन प्रथम कलीसिया
के परमाध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। बीज़ेनटाईन रीति के परमाध्यक्षीय काल में वे एकमात्र
सन्त पापा थे जिनकी नियुक्ति को कॉन्सटेनटीनोपल की प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ का अनुमोदन
नहीं मिला था। सन्त पापा मार्टिन प्रथम सम्राट कॉन्सटान्स द्वितीय के आदेश पर अपहृत कर
बन्धक बना लिये गये थे तथा क्रिमियाई प्रायद्वीप में उनका निधन हो गया था। काथलिक
कलीसिया में सन्त पापा मार्टिन प्रथम को शहीद घोषित किया गया है जिनकी स्मृति 13 अप्रैल
को मनाई जाती है।
चिन्तनः "धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार
सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम जब लोग मेरे कारण तुम्हारा अपमान करते
हैं, तुम पर अत्याचार करते हैं और तरह-तरह के झूठे दोष लगाते हैं। खुश हो और आनन्द मनाओ
स्वर्ग में तुम्हें महान् पुरस्कार प्राप्त होगा। तुम्हारे पहले के नबियों पर भी उन्होंने
इसी तरह अत्याचार किया। प्रभु ईश्वर में अपने विश्वास को सुदृढ़ कर हम अपनी पीड़ओं को
उनके सिपुर्द करें" (सन्त मत्ती 5:10-13)।