2014-04-04 13:52:33

धन्य कूरियाकोस और धन्य यूफ्रेसिया संत घोषणा के अति करीब


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 4 अप्रैल, 2014 (उकान) भारत के धन्य कूरियाकोस एलियस चावरा और धन्य यूफ्रेसिया की मध्यस्थता से हुए चमत्कार को संत पापा ने अनुमोदित कर दिया है।

वाटिकन में संत प्रकरण के लिये बनी परिषद के प्रीफेक्ट कार्डिनल अनजेलो अमातो के साथ सम्पन्न सभा में संत पापा ने कई अन्य निवेदनों को भी संत बनाये जाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ाये जाने की अनुमति दे दी है।

संत पापा के अनुमोदन के बाद भार के धन्य कूरियाकोस और धन्य यूफ्रेसिया संत बनाये जाने के अंतिम चरण में पहुँच चुके हैं।

धन्य चावरा का जन्म भारत के केरल के अलापुड़ा में सन् 1805 में हुआ था उन्होंने कार्मेलाइट मेरी इम्माक्युलेट (सीएमआई) धर्मसमाज की स्थापना की। उन्हें लोग एक समाज सुधारक रूप में याद करते हैं जिन्होंने केरल के गाँवों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया।

उनके द्वारा स्थापित धर्मसंघ कार्मेलाइटस मेरी इम्माक्युलेट ने शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में पूरे देश में अपनी एक विशिष्ठ छवि बनाया है।

धन्य सिस्टर यूफ्रेसिया का जन्म मध्य केरल के त्रिसूर के निकट हुआ था। वे केरल की सिरोमलाबार कलीसिया के स्थानीय धर्मसमाज मदर ऑफ़ कार्मेल की सदस्या थी।

बताया जाता है कि धन्य यूफ्रेसिया का जीवन काल बीमारी में बीता और एक समय ऐसा आया कि उन्हें धर्मसमाज से बाहर भेजे जाने की तक की नौबत आ गयी थी। पर चमत्कारिक रूप से उन्हें स्वास्थ्यलाभ प्राप्त हो गया और उन्हें समाज से बहिष्कृत नहीं किया गया।
धन्य यूफ्रेसिया को कलीसिया से विशेष लगाव था और वे कलीसिया के लिये बहुत प्रार्थना करती थी और धर्मसमाज के नवशिष्याओं को भी प्रार्थना करने का आग्रह करती रही, विशेष करके विधर्मियों के लिये।












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