हैदराबाद, सोमवार 31 मार्च, 2014 (उकान) आन्ध्रप्रदेश फेडेरेशन ऑफ़ चर्चेस ने एक घोषणापत्र
जारी कर राजनीतिक पार्टियों से कहा है कि वे 6 दशकों से लंबित दलित ईसाइयों के आरक्षण
की माँग को पूरा करें। यह घोषणा उस समय जारी की गयी जब आँध्रप्रदेश फेडेरेश ऑफ़ चर्चेस
की सातवी आम सभा का आयोजन हुआ जो 27 मार्च को समाप्त हुआ। आँध्रप्रदेश में अन्तरकलीसिया
इस संगठन में काथलिकों और प्रोटेस्टंटों को अलावा कई अन्य छोटी कलीसियायें भी शामिल हैं।
संघ की महासभा में आनेवाली लोकसभा चुनाव के बारे में चर्चा की गयी विशेष करके ईसाइयों
के अधिकार और उनके वोट देने के दायित्वों के बारे में। अन्तरकलीसियाई चार्टर में यह
भी कहा गया है कि सब राजनीतिक पार्टियाँ इस बात को अपने घोषणा पत्र में शामिल करें कि
राज्य सरकार अल्पसंख्यकों को अनुदान देना जारी रखेगी, विशेष करके ख्रीस्तीय शिक्षणसंस्थानों
में और उन रिक्त स्थानों को भर देगी जो सन् 2004 से रिक्त पड़ी है। ख्रीस्तीय नेताओं
ने कहा कि वे चाहते हैं कि ‘प्रीवेन्शन ऑफ़ कम्युनल वायोलेन्स ऐक्ट’ और ‘प्रीवेन्शन ऑफ़
एससी एसटी ऐक्ट’ को पारित करें। उन्होंने इस बात की भी माँग की है वह एर राज्य क्रिश्चियन
माइन्योरिटी फाईनान्स कोरपोरेशन गठित करे और प्रधानमंत्री के 15 सूत्री क्रायक्रम और
अल्पसंख्यक कल्याण बजट से कम से कम 15 प्रतिशत राशि उसमें डाल दे। अन्तरकलीसियाई संगठन
ने पार्टियों से माँग की है कि संवैधानिक और नागरिक संगठनों प्रशासनिक और विभिन्न आयोगों
में ईसाइयों को प्रतिनिधित्व दिया जाये। इसके साथ ही सरकार गिरजाघर, सार्वजनिक हॉल,
शिक्षण संस्थाओं ओर कब्रस्थानों के लिये जमीन आबंटित करे।