वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 29 मार्च 2014 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन
स्थित संत मार्था प्रेरितिक प्रसाद के प्रार्थनालय में शनिवार 29 मार्च को अर्पित यूखरिस्तीय
बलिदान में, ईश्वर के प्रेम एवं क्षमाशीलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "ईश्वर
अपने प्यार एवं करूणा के लिए कंजूस नहीं हैं वे उदार, क्षमाशील तथा धैर्य के साथ अपने
पापी बच्चों के घर वापसी का इंतजार करते हैं।" संत पापा ने कहा कि उड़ाव पुत्र का
दृष्टांत ईश्वर को एक पिता के रूप में प्रस्तुत करता है, एक पिता जो हमेशा हमारा इंतजार
करता है, हमें क्षमा प्रदान करता है तथा खुशी मनाता है जब हम पश्चताप कर वापस लौट आते
हैं। पावन ख्रीस्तयाग में संत पापा ने नबी होशेआ के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन
प्रस्तुत किया जहाँ ईश्वर बड़े प्रेम से अपने चुने हुए लोगों को वापस अपने पास बुलाते
हैं। उन लोगों को जो अपने अपराध के कारण निराश हो चुके थे ईश्वर उन्हें भलाई तथा चंगाई
प्राप्त करने एवं प्यार किये जाने के लिए बुलाते हैं। संत पापा ने कहा कि पिता का
यह बुलावा जो हमें पुत्र कह कर पुकारते हैं हमें इसपर चिंतन करने की आवश्यकता है। ईश्वर
का हृदय पिता का हृदय है जो प्यार करने से कभी नहीं थकता। ईश्वर ऐसे लोगों को भी प्यार
करते जो अपने को ईश्वर से दूर रखते और जो सोचते हैं कि उन्होंने बहुत पाप किया है जिसके
कारण ईश्वर उन्हें क्षमा नहीं कर सकते हैं। संत पापा ने कहा, "यदि आप ईश्वर के प्यार
को प्राप्त करना चाहते हैं तो आप उनके पास आयें। वास्तव में, क्षमा माँगने के लिए हम
थक जाते हैं। ईश्वर प्यार से हमारे पास आने की पहल करते हैं। येसु ने उन लोगों के लिए
बहुत से चमत्कार किये जिन्होंने उनकी मदद पाना चाहा। ईश्वर हर रोज हमारे साथ ऐसा ही करते
हैं जब हम उठके उनके पास जाने का साहस करते हैं।" संत पापा ने कहा कि ईश्वर अपने
प्यार एवं करूणा को बांटने में कंजूस नहीं हैं। वे धनी आदमी की तरह व्यवहार नहीं करते
जो गरीब लाज़रूस को द्वार पर भूखों मरने दिया। ईश्वर का भोज अलग है, उनका भोज उड़ाव
पुत्र के पिता के समान है जो बड़े धीरज से प्रतिदिन इंतजार करते और जब पुत्र वापस आता
तो पूरे दिल से खुशी मनाते हैं।