प्रेरक मोतीः आरान के सन्त एन्डा (छठी शताब्दी) (21 मार्च)
वाटिकन सिटी, 21 मार्च सन् 2014:
सन्त एन्डा आयरलैण्ड के सन्त हैं। एन्डा या
एन्डेयुस एक योद्धा एवं ऑरियल के राजा थे। अपनी बहन राजकुमारी फेन्खेया से प्रेरणा पाकर
एन्डयुस योद्धा जीवन का परित्याग कर वैवाहिक जीवन के लिये तैयार हुए थे किन्तु अचानक
उनकी मंगेत्तर की मौत ने उनका जीवन पूर्णतः बदल दिया। उनकी बहन राजकुमारी फेन्खेया खुद
एक मठाध्यक्षा थीं जो बाद में जाकर सन्त फेन्खेया के नाम से विख़्यात हुई।
मंगेत्तर
की अचानक मृत्यु के बाद एन्डेयुस ने जीवन में रुचि खो दी तथा गुमसुम जीवन बिताने लगे।
बहन फेन्खेया के त्याग भरे जीवन से प्रभावित एन्डेयुस ने भी पौरोहित्य जीवन का चयन किया
तथा मठवासी जीवन यापन करने लगे। अपने पुरोहिताभिषेक के लिये वे रोम आये तथा प्रेरिताई
के लिये आयरलैण्ड लौटे जहाँ उन्होंने द्रोगेधा में कई गिरजाघरों का निर्माण करवाया। उनके
बहनोई काशेल के राजा ने उन्हें आरान द्वीप में एक विशाल भूभाग प्रदान किया था। यहाँ एन्डेयुस
ने आयरलैण्ड के प्रथम मठों में से एक अर्थात् आरान मोर पर किलानी के मठ की स्थापना की।
इसके बाद सम्पूर्ण द्वीप पर उनके द्वारा कई मठों की स्थापना की गई इसीलिये क्लोनार्ड
के फिनियन के साथ साथ एन्डेयुस को आयरी मठ जीवन के पितामह कहा जाता है।
सन्
530 ई. में सन्त एन्डेयुस का निधन हो गया था। आयरी सन्त एन्डेयुस का पर्व 21 मार्च को
मनाया जाता है।
चिन्तनः लौकिक सुख वैभव का परित्याग तथा अलौकिक
सुख की खोज चिर आनन्द एवं शान्ति का स्रोत है।