जिनेवा. बृहस्पतिवार 20 मार्च, 2014 (बीबीसी,) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार जांचकर्ताओं
ने जानकारी दी है कि सीरिया में विद्रोहियों ने बड़ी संख्या में बंदी बनाए गए लोगों की
सामूहिक हत्या की है।
जाँच आयोग की ताज़ा रिपोर्ट में जनवरी में सीरिया के उत्तरी
प्राँत एलेप्पो के बच्चों के अस्पताल पर किए गए रासायनिक हमले की घटना सहित और कई घटनाओं
को दर्ज़ किया गया है।
यह रिपोर्ट जिनेवा में मानवाधिकार परिषद् में हो रही एक
बहस के दौरान जारी की गई। बीबीसी संवाददाता ने आगे बताया कि संयुक्त राष्ट्र जाँचकर्ताओं
ने तहक़ीकात के दौरान पाया कि एक तरफ़ तो सरकार के प्रतिनिधि जिनेवा में शांतिवार्ता
में हिस्सा ले रहे थे और दूसरी ओर सरकारी फ़ौज बैरेल बम का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही
थी।
रिपोर्ट का कहना है कि ये हवाई हमले सैन्य ठिकानों को निशाने पर लेकर नहीं
किए गए थे बल्कि इनका मक़सद साफ़ तौर से नागरिकों में आतंक फैलाना था।
रिपोर्ट
यह भी बताती है कि पानी, भोजन, बिजली, चिकित्सा सुविधा का अभाव अब सीरिया में आम बात
हो गई है और सीरिया के नागरिक घिरे हुए कस्बों और नज़रबंद केंद्रों में भूखों मर रहे
हैं।
जाँच आयोग के अध्यक्ष, ब्राज़ील के राजनयिक और क़ानूनी विद्वान पाउलो सर्जियो
पिलहेरो का कहना है कि आयोग ने युद्ध अपराध के संदिग्धों की पहचान कर ली है, उनके नाम
की एक सूची तैयार की है।
संदिग्ध के नामों की इस सूची में सीरिया के विभिन्न खुफिया
एजेंसियों के प्रमुख, नजरबंद स्थलों के प्रभारी जहां उन पर अत्याचार होता था और नागरिकों
को निशाना बनाने वाले सैन्य कमांडरों का नाम शामिल है।
साथ ही, इस सूची में उस
हवाईअड्डे का निरीक्षण करने वाले अधिकारी, जहां बैरेल बम की योजना बनती और क्रियान्वित
होती थी, विद्रोही गुटों के नेता और नागरिकों को निशाना बनाने वाली सरकार समर्थित नागरिक
सेना भी शामिल हैं।