2014-03-19 12:14:12

नई दिल्लीः मोदी धार्मिक स्वतंत्रता पर ख़तरा, ख्रीस्तीय नेता


नई दिल्ली, 19 मार्च सन् 2014 (ऊका समाचार): भारत के ख्रीस्तीय नेताओं के एक समूह का कहना है कि यदि नरेन्द्र मोदी अपनी राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व करते हुए सत्ता में आते हैं तो भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और अधिक कुण्ठित होने का ख़तरा बन जायेगा।

भारत में एवेन्जेलिकल फैलोशिप के महासचिव रिचर्ड हॉवेल ने कहा कि यदि मोदी देश के प्रधान मंत्री बन जाते हैं तो वे निडर होकर एवं बलपूर्वक हिन्दुत्व विचार धारा को लागू करेंगे जिससे धार्मिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात होगा।

मंगलवार को हॉवेल अन्य ख्रीस्तीय नेताओं के साथ नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे थे।

रिपोर्ट के अनुसार केवल विगत वर्ष के दौरान ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा के 154 मामले दर्ज़ किये गये हैं। इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया गया कि पुलिस के उपेक्षाभाव एवं दण्ड मुक्ति के कारण अपराधियों को प्रश्रय मिला है।

ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के महासचिव जॉन दयाल ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में मौजूद धर्मान्तरण विरोधी कानून धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रहार है क्योंकि इसकी आड़ में ख्रीस्तीयों एवं अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले किये जाते हैं।

हॉवेल का कहना था कि यदि मोदी सत्ता में आते हैं तो उनकी सरकार साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा की रोकथाम विधेयक को देश में प्रभावी होने से रोकेगी। विधेयक के तहत उन लोगों को दण्डित किया जा सकता है जो धर्म के आधार पर हिंसा को भड़काते हैं।

ग़ौरतलब है कि मौजूदा सरकार ने विगत दिसंबर माह में विधेयक को लाने की कोशिश की थी किन्तु भाजपा ने इसका विरोध किया और नरेन्द्र मोदी ने बिल के विरोध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था।

अप्रैल से मई माह तक नौ चरणों में होनेवाले देश के आम चुनावों के लिए, नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है। चुनाव परिणाम 16 मई को घोषित किये जायेंगे।








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