श्रोताओं के पत्र पत्र- 17.2.14 किसी के टूटे हुए ख्वाब को सजाना जिंदगी है, रोती
हुई आँखों को हँसाना जिंदगी है, नसीब में हर खुशी हो ये मुमकीन नहीं, गमों को आँखों में
छुपाना जिंदगी है। सुप्रभात एवं आज का दिन मुबारक हो। डॉ. हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी
रेडियो लिस्नर्स क्लब अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर, बिहार।
पत्र.25.2.14 आदरणीय
पिताजी, आप सभी को प्रभु येसु के नाम में प्यार भरा नमस्कार। नयी दिशाएं कार्यक्रम में
जीवन पर आपके विचार सुना एवं ‘बूझने न पाये घर का चिराग’ शीर्षक का नाटक सुना, काफी
अच्छा लगा। सभी कलाकारों को धन्यवाद| विद्यानन्द राम दयाल, पियर्स मोरिसस।
पत्र-
12.1.14 बच्चोँ पर कोई काम जबरदस्ती न थोपेँ, उनकी बीज रुपी प्रतिभा की खिलावट मेँ
पानी जैसा सहयोग देँ। दंड नहीँ, पुरस्कार, प्रेम और सम्मान देँ। दुर्गुण की आलोचना नहीँ,
सद्गुण की प्रशंसा करेँ। सदा श्रेष्ठतर की अपेक्षा प्रदर्शित करेँ। दूसरोँ से तुलना व
प्रतिस्पर्धा नहीँ, बल्कि खुद के अतीत से आगे बढ़ने की चुनौती देँ। कुल मिलाकर जीवन के
प्रति सकारात्मक तथा प्रेमपूर्ण दृष्टीकोण विकसित करने मेँ मददगार बनेँ। डॉ. हेमान्त
कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर, बिहार।
पत्र-
14.2.14 नमस्कार, वाटिकन रेडियो, आपको वर्ल्ड रेडियो दिवस की बधाई और उज्जवल भविष्य
की शुभकामनाएँ। जवाब- कृपाराम कागा जी 14 फरवरी के पत्र के लिए धन्यवाद। विश्व रेडियो
दिवस का मुबारकवाद देने एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ अर्पित करने के लिए शुक्रिया।
कृपाराम जी आप को भी विश्व रेडियो दिवस की शुभकामनाएँ। चूँकि आप रेडियो प्रेमी एवं एक
बहुत सक्रिय श्रोता हैं। रेडियो हेतु आपके सभी सहयोगों के लिए धन्यवाद। हमारी दुआ है
कि आप इससे अधिक से अधिक लाभान्वित हो। कृपाराम कागा, राजस्थान।
पत्र -2.3.14 अति
आदरणीय फादर जस्टिन, मिस जुलियेट एवं सिस्टर उषा, जय येसु 25 फरवरी के मेरे ई मेल को
श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम में शामिल करने के लिए सहृदय धन्यवाद। साथ ही हमारे पल्ली
में हुए युवा दिवस कार्यक्रम और उसके आयोजन की सराहना करने के लिए भी आपको शुक्रिया।
मैंने बड़ी खुशी से युवक-युवतियों को 27 फरवरी को एक अन्य कार्यक्रम के समय 26 तारीख
के श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम तथा पूर्व प्रसारित चेतना जागरण के अंतर्गत प्रस्तुत नाटक
‘औकात’ और ‘दूसरा बेटा’ सुनाया। उसके पश्चात् संबंधित विषयों पर चर्चा भी किया। युवाओं
को ये कार्यक्रम अच्छे लगे। पुनः आप तीनों को जय येसु। फादर सिप्रियन खलखो, कम्पबेल
बे, अंण्डमन निकोबार।