श्रोताओं के पत्र पत्र- 17.2.14 रोटी, कपड़ा और मकान व्यक्ति की बुनियादी ज़रुरत
होती हैं लेकिन हमारे देश की बहुसंख्यक आबादी इससे वंचित है। ख़ासकर शहरी आवास नीति अजीबो-गरीब
है। यही वजह है कि शहरोँ मेँ झुग्गी बस्तियोँ की तादाद बढ़ी है। सड़कोँ के किनारे जीवन
बसर करनेवालोँ की संख्या भी बढ़ी है। ख़ासकर कई बस्तियां आज सरकारी उपेक्षा के कारण दैयनीय
स्थिति मेँ हैँ। विस्थापितोँ को अब तक कोई ठौर-ठिकाना नहीं मिला है। इंदिरा आवास योजना
का लाभ भी गरीबोँ को मिलने मेँ भारी धांधली हो रही है। नियमानुसार तो अकेली विकलांग महिला
को इंदिरा आवास की सुविधा मिलने का प्रावधान है, पर ऐसा होता कहां है? भोजन, वस्त्र
और पानी की सुविधा भी गरीबोँ को कहां मिल पा रही है। डॉ. हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी
रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह, भागलपुर, बिहार। पत्र- 8.3.14 अति आदरणीय
फादर जस्टिन, आप तीनों को मेरा मसीही नमस्कार। दिनाँक 5 मार्च के श्रोताओं के पत्र
कार्यक्रम में मेरे ई मेल पर प्रतिक्रिया करते हुए सिस्टर उषा ने जो एकता की बात कही
मुझे बहुत अच्छी लगी। उन्होंने समझाया कि एकता में रहने का अर्थ है अपने उत्तरदायित्वों
को निभाना, साथ ही चालीसे के अवसर पर दिए शुभकामनाओं के लिए मैं सब पल्लीवासियों के नाम
से वाटिकन रेडियो के हिन्दी विभाग का धन्यवाद करता हूँ। रविवार दो मार्च को प्रसारित
नई दिशाएँ कार्यक्रम के अंतर्गत राखबुध पर प्रसारित लघु चर्चा में को अपने सब पल्ली वासियों
को राखबुध के दिन सुनाया। मैं भी अपनी ओर से आप तीनों को एवं वाटिकन रेडियो सुनने वाले
सभी श्रोताओं को चालीसे की शुभकामनाएं अर्पित करता हूँ। जय येसु। फादर सिप्रियन खलखो,
के कम्पबेल बे अंडमान।
पत्र- 10.3.14 संत फ्राँसिसका के बारे पर्याप्त एवं
प्रेरणादायक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद। इससे पूर्व मुझे संत के बारे बहुत
कम जानकारी थी। मुझे इससे प्रवचन तैयार करने में काफी मदद मिलेगी विशेषकर माताएँ एवं
परिवार में संत फ्राँसिसका के जीवन से अवश्य प्रेरणा मिलेगी। धन्यवाद एवं आपके भले कार्यों
पर ईश्वर की आशीष बनी रहे। प्रार्थनाओं सहित, फादर ख्रीस्तोफर। फादर ख्रीस्टोफर केरकेट्टा
एस वी डी, रोम।
पत्र- 9.3.14 आदरणीय प्रसारक महोदय, आप सब को होली की शुभकामनायें
अपने कुछ इन शब्दों में भेज रहा हूँ- निवेदन है स्वीकार करें। प्यार के रंग से भरो
पिचकारी, स्नेह के रंग से रंग दो दुनिया सारी, ये रंग न जाने न कोई बात न बोली,
आपको मुबारक हो होली। होली की शुभकामनाएं। मुकेश कुमार।