कंधमाल बलात्कार मामला: एक को 11 साल, दो को 26 महीने की सज़ा
कंधमाल, शुक्रवार 14 मार्च 2014 (बीबीसी) ओडिशा के ज़िले कटक के ज़िला एवं सत्र न्यायालय
ने कंधमाल में एक नन के साथ बलात्कार के मामले में तीन दोषियों को सज़ा सुनाई है। इनमें
से एक दोषी को 11 साल की और बाकी दोनों को 26-26 महीने की सज़ा सुनाई गई है।
अगस्त
2008 में ईसाई विरोधी हिंसा के दौरान एक नन के साथ हुए बलात्कार का यह मामला अंतरराष्ट्रीय
सुर्ख़ियों में रहा था।
ज़िला जज ज्ञान रंजन पुरोहित ने मुख्य अभियुक्त संतोष
पटनायक उर्फ़ मीतू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार का दोषी माना है
और उसे 11 साल कैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है।
दो अन्य अभियुक्तों
गजेंद्र दीगल और सरोज बधेई को विभिन्न धाराओं के तहत यौन शोषण का दोषी माना गया है. इस
दोनों को 26 महीने कैद की सज़ा दी गई है।
इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ़्तार
किया था जिनमें से छह को अदालत ने बरी कर दिया जबकि एक फ़रार है।
मुख्य अभियुक्त
संतोष पटनायक को कम से कम 10 साल की सज़ा या अधिकतम उम्रक़ैद की सज़ा हो सकती है जबकि
अन्य दो अभियुक्तों को अधिकतम तीन साल की सज़ा दी जा सकती है।
दोनों अन्य अभियुक्तों
के वकीलों ने अदालत से कहा है कि सज़ा दिए जाते वक़्त दोनों के जेल में बिताए समय को
भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
इस मामले में इस समय सिर्फ़ संतोष पटनायक ही जेल
में हैं बाक़ी दोनों अभियुक्त जमानत पर रिहा चल रहे हैं।
ओडिशा के कंधमाल ज़िले
में हिंदू धर्मगुरु लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार अनुयायियों की हत्या के दो दिन बाद
हुई ईसाई विरोधी हिंसा में 25 अगस्त 2008 को उग्र भीड़ ने एक ईसाई नन पर यौन हमला किया
था।
नन के साथ कथित रूप से बालीगुडा के नज़दीक स्थित कंजोमेंडी गाँव में बलात्कार
किया गया था।इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कटक की ज़िला अदालत में सुनवाई
हुई थी।
नन ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई
को कंधमाल से स्थानांतरित करने की ग़ुहार लगाई थी।
अदालत ने इस मामले में चार
मार्च को अपनी सुनवाई पूरी कर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।