2014-03-13 16:04:20

संत पापा के आध्यात्मिक साधना का चौथा दिन


रोम, बृहस्पतिवार, 13 मार्च 2014 (वीआर सेदोक): "संसार की भाषा एक फंदा है जिसमें हम तब तक नहीं पड़ेंगे जब तक कि हम ईश्वर के प्यार में बने रहेंगे। उसी प्यार में एक समुदाय को निर्मित होना, जीना एवं उदारता द्वारा ईश्वर की महिमा करना है।" ये बात अरिच्चा में संत पापा फ्राँसिस एवं रोमन कूरिया की आध्यात्मिक साधना के संचालक मान्यवर अंजेलो डी डोनातिस ने 12 मार्च को कही।
उन्होंने कहा, "आज व्यक्ति दुर्भाग्य से सही भाषा की खोज में है। उसे प्राप्त करने के लिए ख्रीस्त की भाषा को स्वीकारना आवश्यक है। उनकी भाषा बल प्रयोग या सत्ता की भाषा नहीं है किन्तु भाईचारा, समझदारी तथा सबसे बढ़कर दुख से होकर गुज़र रहे लोगों के अनुभव की भाषा है।"
उन्होंने कहा कि येसु सर्वोच्च संप्रेषक हैं यद्यपि उन्होंने कभी भी बयानबाजी नहीं की एवं किसी भी क़ीमत पर लोगों को विश्वस दिलाने का प्रयास नहीं किया तथापि वे ईश्वर के गहनतम प्यार को बतलाने में कामयाब रहे क्योंकि उनके शब्द संसार की प्रज्ञा पर आधारित नहीं थे किन्तु ईश्वर की प्रज्ञा से आते थे। प्रज्ञा ईश्वर से प्राप्त सभी वरदानों के लिए धन्यवाद देती है तथा साक्ष्य, उदारता एवं येसु ख्रीस्त की सच्ची प्रशंसा द्वारा उन वरदानों को दूसरों के लिए अर्पित करती है।








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