बँगलोर, शुक्रवार 7 मार्च, 2014 ( उकान) बंगलोर महाधर्मप्रांत ने अपने डायसिस की प्लैटिनम
जुबिली के अवसर पर वर्ष 2014 -15 को मिल-मिलाप वर्ष रूप में मनाने का निर्णय किया है।
मेल-मिलाप वर्ष का उद्घाटन करते हुए महाधर्माध्यक्ष बेरनार्ड मोरास ने कहा कि
मेल – मिलाप की विषयवस्तु येसु के पर्वत पर प्रवचन से चुना गया है जिसमें वे कई धन्यों
के बारे में प्रवचन देते हुए कहते हैं ‘धन्य हैं वे जो शांति के लिये कार्य करते हैं’।
महाधर्माध्यक्ष
ने यह भी बतलाया कि धर्मप्राँतीय जुबिली के लिये विषयवस्तु के चुनाव में पुरोहितों, धर्मसमाजियों
और लोकधर्मियों ने पूरा उत्साह दिखलाया है।
महाधर्माध्यक्ष मोरास ने पल्ली पुरोहितों,
संस्थाओं के अध्यक्षों और धर्मसमाजियों से आग्रह किया है कि पहल करें तथा विभिन्न धर्मविधियों
और धार्मिक कार्यों में लोगों की भागीदारी निश्चित करें।
उन्होंने बतलाया कि
मेल-मिलाप वर्ष घोषित करने का मुख्य लक्ष्य है खीस्तीय सामुदायिक जीवन को बढ़ावा देना
और धर्मप्राँत में पारिवारिक माहौल को मजबूत करना।
धर्मप्राँत के चान्सलर और
जनसंपर्क अधिकारी फादर ए. एस. अन्तोनी स्वामी ने बतलाया कि पूरे धर्मप्राँत में इसकी
जानकारी दे दी गयी है और पल्ली तथा संस्थाओं में पोस्टर और प्रार्थना कार्डों का वितरण
भी हो चुका है।
मेल-मिलाप जुबिली समारोह अगले वर्ष फरवरी में समाप्त हो जायेगा।